शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर : जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली में तीन माह पहले हुई चोरी का खुलासा हुआ है. बीते  25 अगस्त की रात अज्ञात चोरों ने मंदिर के सेवक को बंधक बनाकर काले ग्रेनाइट की प्राचीन भांवर गणेश जी मूर्ति की चोरी कर ली थी. अब जिले की पुलिस ने तीन महीने बाद इस मामले को सुलझा लिया है. जिसका खुलासा एसएसपी पारुल माथुर (SSP Parul Mathur) ने आज रविवार को किया है.


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जानें पूरा मामला
बताया गया कि इस मामले में मस्तूरी पुलिस,एसीसीयू की टीमें लगातार जांच में जुटी हुई थीं. इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ग्राम चौहा के दो युवक काले पत्थर के एक टुकड़े का सैम्पल लेकर उसे मूर्ति बताकर चार करोड़ रुपये में मूर्ति बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे हैं. इस सूचना को एस.एस.पी पारुल माथुर ने गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी हरविन्दर सिंह को स्वयं ग्राहक बनकर सौदा करने भेजा. जहां पुलिस ने खुद को कन्नौज (यू.पी.) का व्यापारी बताकर तीन दिन पहले युवराज टण्डन से मुलाकात कर सौदे की चर्चा करते हुए पहले मूर्ति दिखाने की मांग की.


पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को ऐसे पकड़ा
बता दें कि 03 दिसंबर की रात्रि में ग्राम चौहा में पांच लाख के नकली नोट एडवांस मनी के रुप में दिखाते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी ने फिर से युवराज टण्डन से पहले मूर्ति दिखाने की बात दोहराई.तब युवराज ने अपने दोस्त मोहताब सुमन को फोन कर मोटर साइकिल में मूर्ति मंगवाई,जैसे ही मोहताब मोटर साइकिल में मूर्ति लेकर आया और झोला खोलकर मूर्ति दिखाई,तब क्राइम ब्रांच की आस पास छुपी हुई टीम व थाना मस्तुरी की टीम ने घेराबंदी कर युवराज और मोहताब को अपने कब्जे में ले लिया.



 


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चार आरोपी गिरफ्तार 
जिसके बाद सख्ती से पुछताछ करने पर दोनों ने अपने 3 अन्य दोस्तों सुमीर राय, निशांत और अतुल भार्गव के साथ पैसे के लालच में उक्त घटना घटित करना स्वीकार किया. चार आरोपियों को मूर्ति लूट के अपराध में गिरफ्तार किया गया है .वहीं अतुल भार्गव फरार है,जिसकी तलाश जारी है.