रायपुर: कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में हुए फैसलों को छत्तीसगढ़ में लागू करने की कवायद शुरू हो गई है. पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नए फॉर्मूले पर काम करने पर विचार कर रही है. कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में जिन विषयों पर एकराय बनी है उसके इम्प्लीमेंट के लिए 1 और 2 जून को प्रदेश कांग्रेस में उसी तर्ज दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हो रहा है. 


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लागू हो सकते हैं ये फैसले
दो दिवसीय कार्यशाला में उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए निर्णयों पर चर्चा और प्रदेश संगठन में इम्प्लीमेंट की कवायद होगी. इसमें 50-50 फॉर्मूले, एक परिवार एक पद और 5 साल से एक ही पद पर जमे नेताओं की छुट्टी शामिल हैं. संभव है कि जल्द ही नए फॉर्मूले के तहत लंबे समय से पदों पर जमें नेताओं को पद छोड़ना पड़ जाए.


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ये नेता कार्यशाला में होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में इसमें सीएम भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कुल 250 कांग्रेस नेता शामिल होंगे. कांग्रेस कह रही है कि चिंतन शिविर में लिए गए निर्णय 2023 के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होंगे और ये कार्यशाला उसे प्रदेश में लागू करने को लेकर है. वहीं बीजेपी कह रही कि कांग्रेस की 2023 में हार को कोई फार्मूला नहीं बचा पायेगा.


सप्तगिरि शंकर उल्का ने दिया बड़ा बयान
बता दें कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिव सप्तगिरि शंकर उल्का ने कहा था कि उदयपुर में जो भी डिसीजन लिया है. उसे यहां कैसे लागू करें इसे लेकर 1 और 2 जून को कार्यशाला में निर्णय लेंगे. 2023 की तैयारी हमने शुरू कर दिया है. हमारी कुछ कमजोरी भी है जिसे हम कैसे ठीक कर सके ये भी देखना है. इसलिए जरूरी चेंजेस पर विचार किया जा रहा है.


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