नीलम दास पडवार/कोरबाः छत्तीसगढ़ में खुले तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेज को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मान्यता नहीं दी है. इसकी वजह इन मेडिकल कॉलेजों (Medical College) में फैकल्टी और स्टाफ की कमी है. फिलहाल एनएमसी ने इन मेडिकल कॉलेजों को कमियां दूर करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है. कॉलेजों को कमियां दूर कर 10 अक्टूबर को फिर से रिपोर्ट कमीशन को भेजनी है. 


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क्या है पूरा मामला
बता दें कि कोरबा, कांकेर और महासमुंद में तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले हैं. हालांकि अभी भी इन कॉलेजों में फैकल्टी और स्टाफ की कमी के साथ ही अन्य कमियां भी हैं. जिसके चलते नेशनल मेडिकल कमीशन ने अभी इन कॉलेजों को मान्यता देने से इंकार कर दिया है. इसके चलते इन कॉलेजों में मान्यता मिलने तक मेडिकल की पढ़ाई नहीं हो सकेगी. कोरबा मेडिकल कॉलेज के स्टाफ में 42 फीसदी की कमी पाई गई है. वहीं महासमुंद और कांकेर में यह कमी 90 फीसदी से ज्यादा है. स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि इस साल सिर्फ कोरबा मेडिकल कॉलेज को ही मान्यता मिल सकती है.  


कोरबा मेडिकल कॉलेज में 51 फैकल्टीज में से 50 फीसदी ने ज्वाइनिंग कर ली है. वहीं जिन फैकल्टी ने ज्वाइनिंग नहीं की है, उन्हें नोटिस भेजा गया है. 18 सीनियर और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स में से 8 ने ज्वाइनिंग नहीं की है, जिन्हें जल्द ज्वाइनिंग का निर्देश दिया गया है. नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम ने एक माह पहले कोरबा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. अब कॉलेज प्रशासन संविदा और आउटसोर्सिंग के जरिए स्टाफ की कमी को दूर करने में जुटा है. 


जानकारी के मुताबिक NMC की रिपोर्ट में प्रदेश के तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी अहम है, जो कॉलेज में कार्यालय, अस्पताल व लैब के लिए जरूरी हैं. महासमुंद और कांकेर मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ के साथ ही अन्य कमियां भी पाई गई हैं. कोरबा कॉलेज में एनएमसी की टीम जरूरत होने पर ही निरीक्षण करेगी नहीं तो रिपोर्ट के आधार पर ही मान्यता दे देगी. वहीं महासमुंद और कांकेर मेडिकल कॉलेजों का एनएमसी की टीम द्वारा निरीक्षण फिर से किया जाएगा.