CM Sai cabinet meeting in Raipur: रायपुर में सीएम साय की कैबिनैट बैठक हुई. जिसमे मंडी फीस के स्थान पर मंडी फीस एवं कृषक कल्याण निधि के नाम से जाना जाएगा. साथ ही मंडी बोर्ड का 10 प्रतिशत कृषि कल्याण को मिलेगा. साय कैबिनेट ने अनुपूरक बजट के ड्राफ्ट को मंजूर किया. साथ ही कृषि उपज मंडी अधिनियम में बदलाव के विधेयक को कैबिनेट में पास हुआ.

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम (Agricultural Produce Market Act) में संशोधन करने का निर्णय लिया है. इस संशोधन का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का सर्वोत्तम मूल्य दिलाने में मदद करना है. संशोधन से अन्य राज्यों के मंडी बोर्ड या समितियों से एकल पंजीयन या लाइसेंस प्राप्त व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता (processors) बिना किसी अतिरिक्त पंजीयन (single registration) के भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल के माध्यम से कृषि उपज की खरीद-बिक्री कर सकेंगे.

भूमि आवंटन नीति में बदलाव
संशोधन प्रस्ताव में "मंडी शुल्क" का नाम बदलकर "मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क" करना भी शामिल है. इसके साथ ही, मंडी बोर्ड की सकल वार्षिक आय ( gross annual income) का 10% नियमों में उल्लिखित विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों (various welfare activities) के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण कोष को आवंटित किया जाएगा. शहरी भूमि नीतियों (urban land policies) के संबंध में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, कैबिनेट ने सरकारी भूमि आवंटन और अतिक्रमित भूमि प्रबंधन से संबंधित कई पिछले निर्देशों और परिपत्रों (circulars) को निरस्त कर दिया. इन प्रपत्रों के तहत भूमि आवंटन की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही किसी भी आपत्ति या शिकायत का समाधान संभागीय आयुक्त द्वारा किया जाएगा.


जीएसटी संशोधन विधेयक को मंजूरी
इसके अलावा छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 यानी GST के प्रारूप को मंजूरी दी गई. इस विधेयक में इनपुट सेवा वितरकों (input service distributors) के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधान को युक्तिसंगत (rationalizing) बनाना और पान मसाला, गुटखा आदि के निर्माण में उपयोग की जाने वाली मशीनों को पंजीकृत करने के लिए अधिनियम में संशोधन करना शामिल है. यह 15 फरवरी 2024 को अधिसूचित केंद्रीय माल और सेवा कर संशोधन अधिनियम 2024 का अनुसरण करता है और छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में संगत संशोधन प्रस्तावित करता है.