chhattisgarh news: सत्यप्रकाश/रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरएसएस लगातार सक्रिए नजर आ रहा है. हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था, वहीं आज रायपुर के दौरे पर पहुंचे आरएसएस नेता राम माधव भी एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की एक योजना की तारीफ करते हुए योजना को अच्छा काम बताया. हालांकि इस दौरान राम माधव ने कांग्रेस पर निशाना भी साधा. 


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रामवन पथ गमन योजना की तारीफ
दरअसल, रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में राम माधव ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की राम वन पथ गमन योजना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ''छत्तीसगढ़ प्रभुराम की भूमि है. भगवान राम का होर्डिंग आते-आते दिखा. धरोहर का जीर्णोद्धार, राम वन गमन परिपथ अच्छी बात है. चाहे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो या कहीं लेकिन इस दिशा में निर्माण, जीर्णोद्धार हो इसकी तारीफ होनी चाहिए. राम वन गमन राजनीतिक परित्याग का उदाहरण था, यहां तो कोई छोड़ने को तैयार नहीं होता है. उन्होंने कहा कि राम भारत की आत्मा हैं,  हमारी वर्षों पुरानी संस्कृति को बढ़ावा देना अच्छी बात है.''


बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ''राम वन पथ गमन'' को विकसित करवा रही है. राम वन गमन पथ यानी वो इलाके जहां से भगवान राम माता सीता और लक्ष्मणजी के साथ वनवास के दौरान होकर गुजरे थे या फिर वहां रुके थे. ''राम वन पथ गमन'' को विकसित करवाने के लिए राम माधव ने बघेल सरकार की तारीफ की थी. 


कांग्रेस ने पर साधा निशाना 
इस दौरान राम माधव ने बगैर नाम लिए गांधी परिवार के नेताओं पर तंज भी कसा राम माधव ने कहा ''महात्मा गांधी कांग्रेस को राजनीति छोड़ने का कहते थे. कांग्रेस लेकिन अभी भी राजनीतिक दल है. कांग्रेस को रद्द करने की कामना वो गांधी जी रखते थे, दूसरे गांधी उसे पूरा करने वाले हैं ऐसा लगता है. देश आजाद होने के बाद भी गांधी जी ने स्वतंत्रता शब्द कहने से इंकार कर दिया था. उन्होंने उनकी हत्या से 3 दिन पहले एक संकल्प पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि देश राजनैतिक दृष्टि से मुक्त हुआ है. मतलब आर्थिक, नैतिक और सामाजिक दृष्टि से हम स्वतंत्र नहीं हुए थे. कांग्रेस ने 1945 में ही गांधी जी की बात सुननी छोड़ दी थी. गांधी जी चाहते थे कि सामाजिक, आर्थिक और नैतिक स्वतंत्रता के लिए राजनैतिक दल से अलग अभियान की जरूरत है. गांधी जी कांग्रेस को राजनीति छोड़ने का कहते थे. कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया.''


आजादी के वक्त हम राजनैतिक तौर पर आजाद हुए थे, लेकिन मानसिक गुलामी से आजाद नहीं हुए थे. विदेश में हमारी पहचान काउ, कास्ट और करी वाली थी. आज भी विदेश में महिलाओं के उत्पीड़न के लिए भारत को जाना जाता है. इस देश के वामपंथी विद्वानों ने इस देश की विभिन्न कल्पनाएं की जिसका खामियाजा आज भी उठाना पड़ रहा है. बता दें कि लिटफेस्ट सोसाइटी की ओर से दो दिवसीय साहित्य परब 2022 का शुभारंभ आज एक निजी होटल में हुआ था. जिसमें संघ के पदाधिकारी और पूर्व भाजपा नेता राम माधव इसमें शामिल हुए थे. 


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