अविनाश प्रसाद/बस्तर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में पिछले कुछ सालों से पुलिस की सख्ती बढ़ती जा रही है. जिसके चलते नक्सलियों का असर भी इन जिलों में कम हुआ है. हालांकि बरसात के महीनों में नक्सली फिर से एक्टिव हो जाते हैं, लेकिन इस बार नक्सल आतंक के लिए कुख्यात रहने वाले बस्तर के अंदरूनी इलाकों में मॉनसून में भी नक्सलियों को सुरक्षाबलों के चुनौतियों से राहत नहीं मिल पाएगी. इस बार सुरक्षाबल के जवान मानसून में भी बस्तर के अंदरूनी इलाकों और अन्य राज्यों के सरहदी इलाकों में एंटी नक्सल ऑपरेशन संचालित रखेंगे. 


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सुरक्षा बलों को मिली विशेष ट्रेनिंग 
दरअसल, इस बार ऑपरेशन में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की कंपनियां मौजूद रहेंगी. मानसून के दौरान उफनते नदी-नालों और जटिल परिस्थितियों में भी ऑपरेशन संचालित करने के लिए सुरक्षाबलों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. इतना ही नहीं, मानसून के दौरान भी बस्तर के अंदरूनी इलाकों में विकास कार्य जारी रहेंगे. क्योंकि साल 2021 में ऐसा सफल प्रयोग पुलिस द्वारा किया जा चुका है. जिसमें बस्तर पुलिस को व्यापक सफलता मिली थी. विशेष प्रशिक्षण के बाद अब सुरक्षाबलों के हौसले और भी बुलंद है. 


दरअसल, यह देखा गया है कि मानसून के समय में नक्सल संगठन अलग-अलग इलाकों में अपने नए कैडरों की नियुक्ति करता है और उन्हें प्रशिक्षण देता है. मानसून के दौरान नदी नालों में उफान के चलते पुलिस के की एंटी नक्सल ऑपरेशन भी थम जाया करते थे और ऐसे में नक्सलियों को एक लंबा समय खुद को फिर से मजबूत करने के लिए मिल जाया करता था. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. बस्तर पुलिस अब नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें चुनौती दे रही है. 


36 नए सुरक्षा कैंप हुए स्थापित 
बीते 3 सालों में बस्तर संभाग के नक्सल इलाकों में 36 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. वर्ष 2021 में कुल 14 नए सुरक्षा बल के कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनमें बस्तर जिले में रेखाघाटी, दंतेवाड़ा जिले में नहाड़ी, कोंडागांव में कुगारपाल, बीजापुर के गलगम, नूगुर, जईगुर, मीनकापल्ली, नारायणपुर और कांकेर जिले के अंजरेल, सुकमा जिले के बड़ेसेट्टी, मुकर्रम नाला, मनकापाल, सिलगेर, कोलाई गुड़ा और करीगुंडम में सुरक्षा बल के नए कैंप स्थापित किए गए हैं. 


नक्सलियों के इलाके में सुरक्षा बलों की आमद एक बड़ी सफलता है और इसी के चलते नक्सली अपने इलाके को छोड़कर दूसरे सुरक्षित इलाकों में शिफ्ट हो रहे हैं. बस्तर में नए लड़ाकों की भी नियुक्तियां हो रही है. आने वाले अगस्त में बस्तर संभाग भर में 2100 अतिरिक्त जवानों की नियुक्तियां हो जाएंगी. इन्हें प्रशिक्षण देकर एक नए बल की स्थापना की जाएगी जो नक्सल मोर्चे पर लोहा लेंगे. कुल मिलाकर बस्तर में अब नक्सलियों की राह आसान नहीं है. जटिल भौगोलिक परिस्थिति वाले बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में मॉनसून के दौरान भी नक्सलियों को चैन की सांस नहीं मिल पाएगी. क्योंकि पुलिस इस बार सख्ती से काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. 


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