रायगढ़ः हम भगवान के दर्शन करने मंदिरों में जाते हैं. जहां भगवान के मूर्ति की पूजा करते हैं. लेकिन राजस्व न्यायालय रायगढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां के तहसीलदार ने भगवान शिव को ही तलब कर दिया है. तहसीलदार द्वारा जारी आदेश में भगवान शिव को 25 मार्च तक न्यायालय में आकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है. इस मामले में प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए इसे मानवीय भूल बताया है.


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जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 25 का है. जहां सुधा राजवाड़े नामक महिला ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उसने आरोप लगाया है कि उसे अपनी जमीन तक पहुंचने वाले रास्ते पर लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है. उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के आदेश के बाद तहसील न्यायालय रायगढ़ में कौहाकुंडा क्षेत्र के 10 लोगों को उनका पक्ष रखने के लिए अपने जमीन से संबंधित दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया. जिसके बाद 16 लोगों को नोटिस जारी किया गया, जिसमें शिव मंदिर के नाम से भी नोटिस जारी किया गया है.


पूरे मामले पर स्थानीय पार्षद सपना सिदार का कहना है कि कुछ दिन पहले राजस्व अधिकारी जमीन के सीमांकन के लिए आए हुए थे. गांव के कई लोगों को नोटिस दिया गया. वहीं तालाब के किनारे एक पुराना शिव मंदिर है, मंदिर के नाम से भी नोटिस आया है. सभी लोगों को 25 मार्च को जमीन संबंधित दस्तावेज तहसील कार्यालय में पेश करने के लिए कहा गया है. 


मंदिर के नाम से नोटिस आने पर स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर की जमीन किसी एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि सार्वजनिक मंदिर है, गांव के सारे लोग मंदिर में पूजा पाठ करते हैं. ऐसे में उसकी जमीन पर किसी एक का हक नहीं है. 


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नायब तहसीलदार ने बताई भुल की वजह
पूरे मामले को लेकर राजस्व न्यायालय के नायब तहसीलदार  विक्रांत सिंह राठौर ने बताया कि मानवीय भूल की वजह से शिव मंदिर को नोटिस चला गया है. क्योंकि ऑपरेटर ने शिव मंदिर के पुजारी मालाकार के नाम की जगह सीधे शिव मंदिर लिखकर नोटिस भेज दिया.


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