कोरिया: आज जब पूरी दुनिया पटरी पर लौट रही है. ऐसे में चिरमिरी नगर निगम आज तक सिटी बसों का ऑपरेशन शुरू नहीं करा पाया. मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक के साथ ही जिले में सिटी बस के पहिये भी थम गए. बसों का संचालन ऐसा बंद हुआ कि चिरमिरी नगर निगम डेढ़ साल बाद भी बस सेवा शुरू नहीं करवा पाई. 


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कबाड़ होने की कगार पर बसें
निगम 7 सिटी बस पोड़ी डिपो में खड़े-खड़े कबाड़ हो रही हैं. डिपो में खड़ी बसों के टायर, बैटरी, वायरिंग, गेयर बॉक्स खराब हो चुके हैं, यहां तक कि बसों के सीट कवर फटने के साथ शीशे तक टूट चुके हैं. अब इन बसों के मेंटेनेंस पर ही करीब 7 से 10 लाख रुपए का खर्च आना है.


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2015 में हुई थी खरीदी
चिरमिरी नगर निगम ने चार साल पहले कोरिया शहरी ट्रांसपोर्ट सोसायटी के साथ अनुबंध कर 2015 में सिटी बस सेवा शुरू की थी. कंपनी को निगम ने 7 बसें हैंडओवर कीं थीं, लेकिन शुरुआत से ही सिर्फ 5 बसों का संचालन किया है. कंपनी ने धीरे-धीरे घाटे वाले रूट पर बसों का संचालन बंद कर दिया और मार्च 2020 तक सिर्फ 4 रूट पर बसों का संचालन किया. इसके बाद कोरोना के कारण सिटी बस सेवा ही बंद कर दी गई.


दोगुना हो गया किराया
सिटी बसों का संचालन चिरमिरी से बैकुंठपुर व मनेंद्रगढ़ के लिए किया जाता था. इसमें औसतन रोजाना 500 लोग सफर करते थे. बसों का संचालन बंद होने से छात्रवर्ग और रोजी का काम करने वाले लोग परेशान हैं. उन्हें पहले अपनी यात्रा के लिए 20 से 25 रुपए चुकाने पड़ते थे, लेकिन अब उन्हें रोजाना इसके लिए 50 से 60 रुपए का खर्च आता है.


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महापौर ने दिया आश्वासन
सिटी बसों के नहीं चलने से लोगों को कम खर्चे में मिलने वाली ट्रांसपोर्टिंग सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. चिरमिरी मुख्यालय समेत आसपास शहरों में लोगों को परेशानी हो रही है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने कलेक्टर कोरिया और चिरमिरी महापौर को पत्र लिखकर बसों के दोबारा संचालन की मांग की है. इसपर महापौर कंचन जयसवाल ने जल्द ही सेवा शुरू करने की बात कही है.


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