दुर्ग/हितेश शर्मा: कृषि के लिए छत्तीसगढ़ में सबसे उन्नत माने जाने वाले दुर्ग जिले में अब नई किस्म की खेती की जा रही है. जिसके अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा में बनाये गए पोषण वाटिका में रंग बिरंगे फूल नहीं बल्कि रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली (colored cauliflower and broccoli) की खेती की जा रही है. पहली बार कृषि वैज्ञानिकों की देख रेख में दुर्ग जिले में की गई इस खेती में कृषकों को सफलता भी मिली है.


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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कृषि संवर्धन को लेकर लेकर राज्य सरकार कई तरह की योजनायें लागू कर रही है. जिससे किसानों को लाभ हो रहा है. इसी कड़ी में किसानों के द्वारा राज्य शासन की योजनाओं के अंतर्गत नई-नई तकनीकों का प्रयोग कर रंग-बिरंगी गोभी का उत्पादन किया जा रहा है. पीली और गुलाबी, हरी रंग की जैववर्धित किस्म की फूलगोभी एवं ब्रोकली की खेती कर दुर्ग जिले के कृषकों के लिए नवाचार प्रस्तुत किया है. जो प्राकृतिक खेती से तैयार की गई है. 


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आपको बता दें कि अंजोरा के पोषण वाटिका में उगाई गई तीन रंगों की ये गोभियां सामान्य तौर पर उगाई जाने वाली सफेद गोभी से कहीं अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर है. रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली विटामिन से परिपूर्ण होती है. इसकी खेती के लिये 15 से 25 डिग्री तक का तापमान होना जरूरी है. रंगीन फूलगोभी को सफेद गोभी की खेती की तरह ही रोपाई से पहले भूमि की जुताई एवं गोबर खाद का उपयोग किया जाता है. यह रंगीन गोभी आम गोभी की तुलना में दोगुना और ब्रोकली से चारगुना दाम प्राप्त कर सकते है.


शरीर के लिए फायदेमंद गोभी
पोषक तत्व की दृष्टि से इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्निशियम, जिंक पाया जाता है. इससे इम्युनिटी बढ़ती है. इसमें विटामिन ए एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ब्रोकली फूलगोभी की ही प्रजाति है. दिखने में यह हरी फूलगोभी की तरह होती है लेकिन स्वाद में अंतर होता है. ब्रोकली सफेद गोभी की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट है और इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है. इसके अलावा इसमें फाइटोकैमिकल्स, पोलीफेनाल, क्वेंरसेटिन और ग्लूकोसाईड जैसे पोषक तत्व पाये जाते है. जो मधुमेह को नियंत्रित करता है. एंटीओक्सीडेंट, एंटीइफ्लेमेटरी के गुण मौजूद होते है. शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.