CM Baghel Attacks Amit Shah: छत्तीसगढ़ राज्य में चुनावी बिगुल (Chhattisgarh Election) बज चुका है और सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारियों में लग गई है. इस बीच गृहमंत्रि अमित शाह छत्तीसगढ़ के कोरबा दौरे पर हैं. कोरबा में उनकी जनसभा हुई, जिसे कई मायनों में महत्वपूर्ण कहा जा सकता है. एक तो प्रदेश के नारायणपुर में पहले से ही इस समय धर्मांतरण मामले (Religious Conversion In Narayanpur)  पर बवाल चल रहा है, जिसे बीजेपी पूरी तरह भुनाने की कोशिश करेगी. दूसरी बात ये कि पिछले चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट से बीजेपी हार गई थी, जिसे साधने के लिए अमित शाह का ये दौरा पार्टी के लिए बूस्टर डोज की तरह है. 


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BJP के लिए कमजोर कड़ी है कोरबा सीट
आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव यानि 2019 में भाजपा ने 11 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी.लेकिन कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा हार गई थी. इसलिए यह दौरा वहां के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ वहां के वोट बैंक को साधने का जतन है.  बता दें छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत इसी जिले के हैं . उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत कांग्रेस पार्टी से कोरबा लोकसभा की सांसद हैं और राज्य के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी कोरबा जिले से विधायक हैं. यानि कोरबा क्षेत्र पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ है, जिसकी काट बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. 


धर्मांतरण विवाद कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के नारायणपुर से शूरू हुआ धर्मांतरण विवाद इस समय कांग्रेस के लिए मुसिबत बना हुआ है और बीजेपी इसे भुनाने में लगी है. वहां के आदिवासियों ने भी जनकर विरोध -प्रदर्शन किया है. इलाके में एक चर्च में तोड़ फोड़ की गई थी और बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर वोटों में बदलने की कोशिश करेगी. 


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सीएम भूपेश बघेल का अमित शाह पर हमला
इस दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जहां -जहां चुनाव हारी है वहां-वहां फोकस कर रही है. उसी के तहत अमित शाह ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया है. कहा कि मैं बता प्रोटोकॉल के हिसाब से जाऊंगा. लोकसभा को देखते हुए अमित शाह आ रहे हैं.धर्मांतरण और संप्रदायिकता ये 2 मुद्दे हैं, जिन्हे लेकर भाजपा चल रही है.इन दोनों मुद्दो पर भाजपा की मास्टरी है. हमारे मुद्दे अलग हैं, जिन्हें हम लेकर चल रहे हैं.हमारी पार्टी ने विभिन्न मुद्दों और विभिन्न वर्ग के लोगो के विकास पर फोकस किया है.


राज्यपाल पर भी लगाए गंभीर आरोप
आदिवासी क्षेत्रों में राज्यपाल भी दौरे कर रहे हैं, जिसपर सीएम बघेल ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपने अधिकारों का ध्यान रखना चाहिए.उसमें अतिक्रमण नहीं करना चाहिए.राज्य सरकार से सवाल करना उनके अधिकारों के बाहर है.बिल पारित होने के बाद हस्ताक्षर करना चाहिए.ये राजभवन के माध्यम से राजनीति कर रहे है.राज्यपाल फील्ड में जाकर काम नही करती.बाकी राज्यों में तो राज्यपाल हस्ताक्षर कर रहे है.पर यहां राज्यपाल राजनीति कर रही है.न्यायपालिका और विधायिका के दायरे में रहकर सबको कार्य करना है.राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में है उनका फील्ड का काम नही है.


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