रायपुर: नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही प्रदेश की जमता को बिजली का झटका लग सकता है. इसके लिए बिजली कंपनी ने पूरी तैयारी कर ली है. छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी प्रदेश में बिजली की दरों के बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग पहुंची है. अगर सबकुछ उसके हिसाब से रहा तो प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बिजली के दाम बढ़ जाएंगे.


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कंपनी को चाहिए 745 करोड़
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ही 745 करोड़ रुपए का घाटा रिकवर करना चाहती है. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग में कंपनी ने हो रहे घाटे का हिसाब दिया है. याचिका में कहा गया है कि चालू सत्र में कंपनी ने 3 हजार 642 करोड़ रुपए लाभ का अनुमान लगाया है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्षों में हुए 4 हजार 388 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई कंपनी करना चाहती है. यह घाटा पाटने के लिए 745 करोड़ के अतिरिक्त राजस्व की जरूरत होगी.


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कुछ परियोजनाओं के लिए चाहिए पैसे
याचिका में कहा गया है, विद्युत उत्पादन, संधारण और वितरण कंपनियों में सिस्टम को अपग्रेड करने से संबंधी कई परियोजनाओं पर काम होना है. उसके लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी. ऐसे में हो सकता है कि कंपनी के लाभांश का अधिकांश हिस्सा इन योजनाओं में खप जाए. ऐसे में बिजली के सामान्य खर्च का भार उपभोक्ताओं पर ही आएगा.


24-25 फरवरी को होगी सुनवाई
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग 24 और 25 फरवरी को शांति नगर स्थित आयोग के कार्यालय में जनसुनवाई करेगा. इसके लिए सुबह 11 बजे से शाम 5:30 बजे का  समय निर्धारित किया गया है. इस दौरान आयोग घरेलू, व्यापारिक, औद्योगिक और कृषि के लिए अगल-अलग सुनवाई करेगा. सभी के लिए स्लाट निर्धारित किया गया है. इसमें सभी की आपत्तियां भी सुनी जाएंगी.


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पिछले साल भी बढ़े थे दाम
छत्तीसगढ़ में साल 2021 में भी बिजली के दाम बढ़ाए गए थे. नियामक आयोग से मंजूरी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली की औसत दर 6. 41 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की थी. उससे पहले के दो वर्षों में यह दर 5.93 रुपए प्रति यूनिट थी.


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