देवेन्द्र मिश्रा/धमतरी:धमतरी के नगरी में रहने वाली मनीषा साहू आगामी 28 नवंबर को दीक्षा लेकर जैन साध्वी बन जाएगी. अपने इस निर्णय के कारण मनीषा धमतरी में चर्चा का विषय बनी हुई है. मनीषा के पिता एक सफल व्यवसाई है और आर्थिक रूप से काफी सक्षम है. लेकिन मनीषा का रुझान शुरू से ही धर्म और अध्यात्म की ओर रहा. इस वजह से अब वो साध्वी का जीवन जीने के लिए तैयार है.


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आपको बता दें कि पहले मनीषा डॉक्टर बनना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने रायपुर में बीएएमएस की पढ़ाई भी की. इस बीच कई बार मनीषा की मुलाकात कुछ जैन साधुओं से हुई और वहां से मनीषा के मन में महावीर स्वामी के दर्शन का असर पड़ा और वह प्रभावित हो गई.


28 नवंबर को लेगी दीक्षा
इसके बाद मनीषा जब भी समय मिलता जैन साध्वियों के प्रवचन सुनती और जैन धर्म से जुड़ी किताबों का अध्ययन करती रही. यह सिलसिला चलता रहा और आखिरकार मनीषा ने अपना जीवन ही महावीर स्वामी के सिद्धांतों के अनुसार मानव कल्याण के लिए लगाने का फैसला कर लिया. अब मनीषा रायपुर के दादाबाड़ी आश्रम में 28 नवंबर को विधिवत जैन धर्म की दीक्षा लेकर साध्वी का जीवन जिएगीं.


बेटी के फैसले से खुश पिता 
मनीषा के पिता बताते हैं कि अपनी बेटी के फैसले से वह खुश है. लेकिन इकलौती बेटी अगर सांसारिक जीवन धन दौलत सब कुछ छोड़के जाने का फैसला कर ले तो घरवालों को शुरू-शुरू में यह बात अच्छी नहीं लगी. सभी ने मनीषा को काफी समझाने बुझाने की कोशिश की. लेकिन मनीषा अपने फैसले पर अटल रही. तो अब मनीषा का परिवार भी उसके फैसले के साथ है. 29 साल की मनीषा 28 नवंबर के बाद जैन साध्वी हो जाएंगी. यह खबर धमतरी के जैन समाज को भी मिली और जैन समाज ने मनीषा के इस फैसले की तारीफ की. स्वागत भी किया. साहू समाज ने भी मनीषा के जैन साध्वी बनने के फैसले को फैसले की सराहना की है.