जशपुरः देश में भले ही दहेज प्रथा खत्म करने के लिए कितने ही प्रयास क्यों न किए जाए, लेकिन दहेज का जिन्न जाने का नाम नहीं लेता. छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां दहेज की वजह से एक लड़की का घर नहीं बस पाया, क्योंकि दूल्हे को दहेज में कार चाहिए थे. लेकिन लड़की के परिजन उसे कार नहीं दे पाए, बस फिर क्या था दूल्हा बारात लेकर वापस चला गया. 


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, झारखंड की सीमा से लगे जशपुर जिले के लोदाम में बीती रात विवाह समारोह में वर और कन्या पक्ष के बीच दहेज को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जयमाला के बाद वर पक्ष ने लड़की के घर वालों से दहेज में कार या 10 लाख रुपए की मांग करने लगे. लेकिन जब लड़की के परिजनों ने ऐसा करने से मना किया तो दूल्हें और उसके परिजनों ने शादी से इंकार कर दिया, विवाद थाने तक पहुंचा लेकिन बारात बगैर दुल्हन के ही वापस लौट गई. 


एक साल पहले तय हुई थी शादी 
जशपुर जिले के लोदम निवासी अजय गुप्ता अपनी बेटी की शादी झारखंड के तपकरा निवासी नितेश गुप्ता से तय की थी, अजय गुप्ता ने बताया की ये रिश्ता एक साल पहले तय हुआ था. तब शादी में शादी में 7 लाख नगद और 5 लाख रुपए का घरेलू सामान देने की बात हुई थी. वादे के मुताबिक शादी से पहले 7 लाख रुपया नगद और दो पिकअप घरेलू सामान लड़के के घरवालों को दहेज के रूप में दे दिया गया था. 


जयमाला भी हो गई थी 
लड़की के पिता ने बताया कि 29 नवंबर की रात शादी होनी थी, शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी, मण्डप सज कर तैयार था, लड़की भी शादी का जोड़ा पहनकर तैयार बैठी थी, शाम होते ही सहनाई की धुन पूरे गांव में बजने लगी और देखते ही देखते बारात भी लड़की की घर आ पहुंची. दूल्हा-दुल्हन जयमाला के लिए स्टेज पर भी पहुंच गए, एक दूसरे के गले में जयमाला पहनाकर रस्म पूरी भी कर ली.  जयमाला के बाद लड़के वालों ने गाड़ी की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. 


हंगामा इतना बड़ा कि मामले में पुलिस को भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन दूल्हे के परिजन नहीं माने उनका कहना था कि कार या 10 लाख रुपए दिए जाने चाहिए. ऐसे में दूल्हा पक्ष के लोग दुल्हन के बिना ही बारात वापस लेकर लौट गए. 


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