मामले का खुलासा हुआ तो प्रशासन ने आश्रम अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया. वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं.
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बप्पी रे/दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्कूली सिस्टम की कमजोरियों को उजागर कर दिया है. दरअसल आदिवासी इलाकों में आदिवासी आश्रम के नाम से सरकारी स्कूल संचालित किए जाते हैं. जिनमें हॉस्टल की सुविधा भी होती है. खबर आई है कि दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी आश्रम के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से आश्रम अधीक्षक के खेतों में धान कटवाई की जा रही है. मामले के खुलासे के बाद प्रशासन ने अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है.
क्या है मामला
खबर के अनुसार, दंतेवाड़ा के आदिवासी आश्रम के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से आश्रम अधीक्षक लिंगा राम अपने खेत में धान कटवा रहे थे. अधीक्षक के कुआकोंडा ब्लॉक के पालनार गांव में खेती है, जहां स्कूली छात्रों से धान कटवाई जा रही थी. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो प्रशासन ने आश्रम अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया. वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं.
सियासत गरमाई
दंतेवाड़ा के मामले पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि सरकार हर क्षेत्र में खुद को नंबर वन बताने का ढोल पीटती है लेकिन सच्चाई कुछ और है. जिन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वहीं शोषण करने में लगे हुए हैं. सरकार दावा करती है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आई है. ये किस तरह की क्रांति है कि बच्चा सामान्य पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा है!
इस पर कांग्रेस ने बीजेपी को ही निशाने पर ले लिया है और भाजपा और आरएसएस पर पूरे मामले का ठीकरा फोड़ दिया है. कांग्रेस का कहना है कि हॉस्टल अधीक्षक की पत्नी भाजपा से जिला पंचायत सदस्य है. सत्ता में 15 साल रहते हुए भाजपा ने आदिवासियों का शोषण किया है और अब भी भाजपा से जुड़े लोगों की यही मानसिकता बनी हुई है लेकिन कांग्रेस के शासन में ऐसा नहीं होगा. आरोपी अधीक्षक पर तत्काल कार्रवाई की गई है और आगे ऐसी स्थिति ना बने, ये भी सुनिश्चित किया जाएगा.