Hindu Rashtra: रायपुर। इन दिनों देश में हिंदू राष्ट्र को लेकर चर्चा जोरों पर है. नेताओं से लेकर संतों तक के इसमें बयान आ रहे हैं. इसी कड़ी में द्वारका पीठ (Dwarka Peeth) पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य (Shankaracharya) सदानंद सरस्वती (Swami Sadanand Saraswati) का बयान भी सामने आया है. छत्तीसगढ़ के रायपुर (Raipur) पहुंचे शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की घोषणा हो चाहे ना हो. हम 100 करोड़ है. शास्त्रों में ज्ञान का आधार होता है. लेकिन, बहुमत के आधार पर ही पूरा देश चल रहा है.


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भारत हिंदू राष्ट्र है
हमारा भारत देश हिंदू राष्ट्र ही है. घोषणा हो चाहे ना हो. हम 100 करोड़ है. इस देश में बहुमत के आधार पर निर्णय होता है. आजकल हम लोग बहुमत का आधार मानते नहीं है. शास्त्रों में ज्ञान का आधार होता है. लेकिन, बहुमत के आधार पर ही पूरा देश चल रहा है. लोकतंत्र में तो यह बात भी बहुमत पर ही होगी. 140 करोड़ में हम 100 करोड़ हैं तो हिंदू राष्ट्र शास्त्रों में है घोषणा हो या ना हो.


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अन्य धर्मों को लोगों पर क्या कहा?
देश में अन्य धर्म के लोगों के स्थान को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि दूसरा कोई यहां नहीं रह सकता. क्योंकि देश संविधान से चल रहा है. देश तो संविधान से चल रहा है और संविधान सबको रहने की अनुमति देता है. इसलिए वह रहते हैं.


क्या है राम राज्य?
सभी लोग आपस में प्रेम भाव से रह कर जिस देश के निर्माण में, देश की संस्कृति के निर्माण में, संस्कारों के निर्माण में, सहयोग करते हैं. उसे राम राज्य कहते है.


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धीरेंद्र शास्त्री पर बोले शंकराचार्य
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बातें बहुत दिनों से हो रही है. हिंदू राष्ट्र की बात कोई नई बात नहीं है. बहुत पुरानी बात है. वास्तव में हिंदुओं में राम राज्य होना चाहिए. रामराज्य की कल्पना को उद्देश्य करके ही हिंदू राष्ट्र की बात की जा रही है.