नीलम पड़वार/कोरबाः (SECL) एसईसीएल के गेवरा परियोजना द्वारा रोजाना किए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से ग्राम पंचायत भिलाई बाजार के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल की दीवारें और छतें कमजोर हो गई हैं. ब्लास्टिंग के चलते छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. वहीं दीवारों में भी दरारें पड़ रही है, जिसकी वजह से स्कूल भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया है. कमजोर छत, दरार पड़ी दीवारे और जर्जर भवन कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है. 


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बता दें कि गेवरा परियोजना खदान में कोयला उत्पादन के लिए रोजाना हैवी ब्लास्टिंग की जाती है, जिसकी वजह से स्कूल भवन प्रभावित हो रहा है. स्कूल परिसर से खदान की दूरी महज 500 मीटर है. इसके बावजूद भी SECL प्रबंधन रोजाना हैवी ब्लास्टिंग कर रहा है.


डर के छाएं में पढ़ने को मजबूर छात्र
एसईसीएल द्वारा की जा रही इस हैवी ब्लास्टिंग के कारण स्कूल भवन पूरी तरह हिल चुका है. भवन के छत से कई स्थानों से रोजाना प्लास्टर गिर रहा है. दीवारों में दरार पड़ चुकी है. 2012-13 में बने भवन की हालत बैठने लायक भी नहीं है. लैब पूरी तरह से खंडहर हो चुका है. इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है. स्कूल की छत के गिरते प्लास्टर, दरार पड़ चुकी दीवारों और जर्जर भवन से भयभीत छात्र-छात्राएं और अध्यापक कमरे के भीतर बैठने से घबरा रहे हैं. छात्र-छात्राओं ने बताया की डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है.


स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं की मानें तो जब ब्लास्टिंग होता है तो भूकंप जैसे कम्पन का अहसास होता है, जिससे उनके मन में डर समा जाता है. स्कूल की शिक्षिका भावना राठौर ने बताया कि हैवी ब्लास्टिंग की वजह से छत से प्लास्टर टूटकर गिरता है, जिससे एक शिक्षिका घायल भी हो चुकी है.


जानिए क्या कहा स्कूल के प्राचार्य ने
स्कूल के प्राचार्य जीपी जाटवर ने ZEE MPCG से बातचीत में बताया कि जब से SECL खदान स्कूल परिसर के नजदीक संचालित हो रहा है, तब से स्कूल के लिए खतरा बन चूका है. हैवी ब्लास्टिंग की वजह से स्कूल के बच्चे, शिक्षक-शिक्षिकाएं सब दहशत मे हैं कि किसके साथ कब अनहोनी घटना घट जाए. प्राचार्य ने आगे बताया कि 4 से 5 दिन पहले उनके कक्षा के छत का प्लास्टर हैवी ब्लास्टिंग की वजह से गिर गया, जिसमें वे बाल-बाल बच गए. प्रबंधन द्वारा किये जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से स्कूल के छात्र-छात्राओं या शिक्षकों पर कोई अप्रिय घटना न घट जाए इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूल के प्राचार्य जीपी जाटवर ने अपने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी साथ ही SDM कटघोरा व एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को भी 13 जून को पत्र लिखकर अवगत कराया.


लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद 4 जुलाई को एसईसीएल गेवरा के सर्वे ऑफिसर ब्लास्टिंग इंचार्ज और कुछ अधिकारी स्कूल पहुंचे. स्कूल के प्राचार्य व शाला विकास प्रबंध समित की मौजूदगी में एसईसीएल गेवरा के अधिकारियों को पूरा स्कूल को मुआयना कराया गया. निरीक्षण पश्चात एसईसीएल के अधिकरियों ने स्कूल प्रबंधन से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वे मौका जांच प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी को प्रेषित करेंगे. वे सिर्फ मुआयना करने आये थे. सक्षम अधिकारी नहीं हैं. इससे अभी तक स्कूल की समस्या जस की तस बनी हुई है. इस मसले की जानकारी जब कोरबा के नवपदस्थ जिलाधीश को दी गयी तो उन्होंने कहा की आपके द्वारा दी गयी जानकारी को चेक करवाकर देखता हूं.


एसईसीएल प्रबंधन स्कूल की समस्याओं को दरकिनार कर अपना उत्पादन बढ़ाने में जुटा हुआ है. वहीं अब तक शिक्षा विभाग भी मामले को गंभीरता से लेता दिखायी नहीं पड़ रहा है. फिलहाल प्राचार्य ने समस्या से अपने उच्चाधिकारियों को तो अवगत करा दिया है, लेकिन इसका समाधान कब और कैसे निकाला जाएगा यह जिला प्रशासन और SECL प्रशासन के ऊपर निर्भर करता है.


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