शैलेन्द्र सिंह बघेल/बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र में मारुति ईको चार पहिया वाहन से साइलेंसर की चोरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. रामानुजगंज थाना क्षेत्र में ही बीते 10 दिनों में 6 साइलेंसर चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज किये गये है. वहीं पुलिस अज्ञात चोरों की पतासाजी में जुटी हुई है. अब देखना होगा कि पुलिस कब तक चोरों को पकड़ पाती है.


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दरअसल पिछले 10 दिनों में रामानुजगंज थाना क्षेत्र में 6 साइलेंसर चोरी के मामले दर्ज किये गए है. पुलिस के मुताबिक मारुति की ईको वाहन से साइलेंसर चोरी की घटनाएं हुई है. ईको वाहन के साइलेंसर में प्लेटिनम धातु लगे के होने से अज्ञात चोर साइलेंसर की चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे है.


अलग-अलग टीम गठित की गई
इधर पुलिस ने चोरी की घटनाओं की रोकथाम व साइलेंसर चोरी में संलिप्त अज्ञात आरोपियों की धर- पकड़ के लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर अपने सूचना तंत्र को एक्टिव करने की बात कह रही है.


प्लेटेनियम की वजह से चोरी हो रही
आपको बता दें कि बलरामपुर जिला तीन अन्य राज्यों की सीमाओं से लगा हुआ है. इसलिए मामले में अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा लगाया जा रहा है. वहीं रामानुजगंज एसडीओपी ने रामानुजगंज सहित सरगुजा सम्भाग के विभिन्न थाना क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि प्लेटेनियम की वजह से साइलेंसर की चोरी के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है..और पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.


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आखिर क्या है ऐसा साइलेंसर में जानिए
बताया जा रहा है कि ईको के साइलेंसर की कीमत करीब 85 हजार रुपये की मानी जाती है. इस साइलेंसर में कैटेलिटिक कन्वर्टर मौजूद होता है. कैटेलिटिक कन्वर्टर,प्लेटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (PGM) से बनता है. प्लेटिनम, पैलेडियम और रोडियम के संयुक्त तौर पर प्लेटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स यानी PGM कहते है. ऐसा कहा जाता है कि इसकी कीमत सोने से भी ज्यादा होती है. ईको के साइलेंसर से निकलने वाली इन धातुओं की डस्ट को हैवी इंडस्ट्री में बेचा जाता है, जहां प्रति 10 ग्राम डस्ट 3 से 6 हजार रुपये तक मिलते है.