Chhattisgarh New CM: विष्णुदेव चार भाइयों में सबसे बड़े हैं. उनका स्वभाव बेहद विनम्र, मिलनसार और सादगी पूर्ण रहा है. बचपन में भी वे उतने ही शांत स्वभाव और अच्छे व्यवहार के थे, जितने अब हैं. घर में खाने पर जो मिल जाए, उसे उतने ही चाव से खा लेते थे. खाने पीने को लेकर भी कभी कोई विशेष रुचि नहीं थी. यह कहना है छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मां जसमनी देवी का. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विष्णु देव साय मां जसमनी देवी ने बताया कि विष्णु देव साय का स्वभाव बचपन से ही बेहद विनम्र था. हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के बाद ही उनकी रुचि राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा करने की ओर ऐसा मुड़ी की फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. गांव के पंच और फिर सरपंच से उन्होंने क्षेत्र के जन प्रतिनिधित्व करने की शुरुआत की. उन्होंने अपना दायरा बढ़ाते हुए पहले विधायक फिर संसद फिर केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए क्षेत्र और लोगों की समस्याओं के निराकरण का जो बीड़ा उठाया उसको लेकर घर में हमेशा लोगों का मेला लगा रहता था.


चार भाइयों में सबसे बड़े विष्णुदेव साय
प्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मां बताती हैं कि विष्णु देव साय उनके चार बेटों में सबसे बड़े हैं. उसके बाद विनोद कुमार साय, ओम प्रकाश साय और जयप्रकाश साय हैं. इनमें से विनोद कुमार साय रायपुर में बिजली विभाग में अधिकारी है. जयप्रकाश मुंबई में भेल में नौकरी करते हैं. जसमनी देवी ने बताया कि उनके एक बेटे ओमप्रकाश साय का पिछले वर्ष ही देहांत हो गया और उनकी धर्मपत्नी अब बगिया पंचायत की सरपंच हैं. बचपन से क्षेत्र और लोगों की समस्या को आसान करने का काम किया. अब छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करेंगे.


'हमेशा करते हैं दीन दुखियों की मदद'
जसमनी देवी ने आगे बताया कि उनके घर में जमाने से दीन दुखियों और अपनी समस्या से परेशान लोगों की हमेशा एक भीड़ सी रही है. अब उनका बेटा मुख्यमंत्री है तो वह और व्यापक रूप में क्षेत्र और प्रदेश की जनता की समस्याओं का निराकरण करने व्यापक स्तर में काम करेंगे. इसको लेकर एक आनंद की अनुभूति है. अब उनका बेटा छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करेगा. इससे अच्छा और क्या हो सकता है. उन्होंने कहा की क्षेत्र में बिजली, शिक्षा, सड़कों और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर और अच्छा काम हो ऐसी उन्हें उम्मीद है.


रिपोर्ट: सत्य प्रकाश, रायपुर