CG NEWS/किशोर शिल्लेदार: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में सोमवार को छुरिया जनपद पंचायत अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में आकिरकार अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.  लंबी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया. हैरान करने वाली बात ये रही कि  इस अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के 2 पार्षदों ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, 15 वार्ड वाले राजनांदगांव जिले के छुरिया नगर पंचायत कि कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ भाजपा से निष्कासित 8 पार्षद और कांग्रेस के तीन अन्य पार्षद मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन लंबे समय से अविश्वास प्रस्ताव का मामला राजनीतिक दांवपेच में फंसा हुआ था. इस दौरान पार्षदों से मान मनव्वल का दौर भी चला. इसी बीच आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई , जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष खिलाफ मतदान के दौरान 10 पार्षदों ने मतदान किया. इसमें से 2 पार्षद कांग्रेस पार्टी से हैं. 


इन पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग
अब अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ मतदान करने पर कांग्रेस की ओर से नोटिस जारी किया जा रहा है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी का कहना है कि हमारे कांग्रेस के दो पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पारित कराया. इन पार्षदों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. नगर पालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है. 15 वार्ड वाले छुरिया नगर पंचायत में 7 कांग्रेस के पार्षद थे. इसमें से 3 कांग्रेसी पार्षद भी अपने अध्यक्ष के खिलाफ थे, लेकिन इसमें से कॉन्ग्रेस के 2 पार्षदों ने ही अपनी अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया. 
 
क्या थे आरोप
राजकुमारी सिंहा पर  छुरिया नगर पंचायत क्षेत्र में दुकानों के आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. कांग्रेस पार्षदों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे सहित कांग्रेसी पार्षदों को भी साथ लेकर ना चलने जैसे मामले की वजह से अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. आज मतदान की प्रक्रिया एसडीएम सुनील नायक की मौजूदगी में कराई गई.