लेह-लद्दाख में लहराया अबूझमाड़ का झंडा, 7 दिन में 4 हजार किमी बाइक चलाकर पहुंचे राकेश
4 हजार किलोमीटर बाइक राइड कर बस्तर के राइडर ने लेह-लद्दाख में मनाया आजादी का अमृत महोत्सव. नारायणपुर अबूझमाड़ का झंडा लिए एवेंजर बाइक राइड कर राकेश जैन और सुनील शर्मा लेह लद्दाख पहुंचे. राकेश जैन का इतना लंबी दूरी तय करने का पहला अनुभव था. साथी सुनील शर्मा ने हिम्मत दी और पूरा सफर तय किया.
हेमंत संचेती/नारायणपुर: नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में भी अब बाइक राइडिंग का जुनून देखने को मिल रहा है. नारायणपुर निवासी युवा व्यापारी राकेश जैन ने 4000 किलोमीटर का सफर बाइक राइड कर नारायणपुर जिले से 9 राज्यों को पार कर लेह लद्दाख तक का सफर पूरा किया. राकेश जैन पेशे से एक व्यापारी हैं लेकिन व्यापार के साथ-साथ बाइक राइडिंग का शौक उन्हें लेह-लद्दाख तक पहुंचा जाएगा, उन्होंने सोचा ही नहीं था.
इनसे मिली प्रेरणा
दरअसल कुछ दिनों पहले की बात है जब रायपुर से छत्तीसगढ़ इनफिनिटी बाइक राइडरों का दल राइडिंग करते हुए नारायणपुर पहुंचा था. उस दल के कैप्टन सुनील शर्मा थे जो भिलाई के रहने वाले हैंं. 50 वर्ष से अधिक उम्र होने के बावजूद वे हजारों किलोमीटर का सफर आसानी से कर लेते हैंं.
लंबी राइडिंग पर निकल पड़े राकेश
राइडरों का दल जब नारायणपुर पहुंचा तब उन से मिलकर राकेश जैन की मंशा लंबी राइडिंग को लेकर बनी. फिर क्या था, उन्होंने भी ठान लिया एक लंबी राइडिंग का और निकल पड़े लंबी यात्रा के लिए, वो भी अपनी एवेंजर बाइक से और साथी बने सुनील शर्मा जिन्हें बाइक राइडिंग का लंबा अनुभव प्राप्त है. सुनील शर्मा शर्मा हर साल हजारों किलोमीटर की राइडिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में करते हैं लेकिन राकेश जैन के लिए ये अनुभव तो नया था. लेह-लद्दाख के कठिनाई भरे रास्तों में चलना आसान बिल्कुल नहीं है, फिर भी पहुंच गए लेह-लद्दाख और अबूझमाड़ का झंडा फहरा कर राकेश जैन और सुनील शर्मा ने देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया.
7 दिनों में 4 हजार किलोमीटर का सफर तय
जुलाई महीने की 24 तारीख को राकेश जैन और राइडर सुनील शर्मा ने भिलाई से सफर की शुरुआत की. छत्तीसगढ़ के दोनों राइडरों ने 4000 किलोमीटर का सफर 7 दिनों में तय किया. इस पूरे सफर में सुनील शर्मा पायलट राइडर थे. राकेश ने इससे पहले सिक्किम की यात्रा बाइक से की है. लंबी दूरी तय करने का यह उनका पहला सफर है. राकेश जैन और सुनील शर्मा ने फोन पर बातचीत में बताया कि रायपुर के कुछ राइडरों ने राकेश जैन को लेह-लदाख बाइक से पहुंचने का चैलेंज दिया था. उन्होंने चैलेंज स्वीकार कर अपना टारगेट पूरा किया.
छत्तीसगढ़ से लेह लद्दाख
वे छत्तीसगढ़ से एमपी, दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर से लेह लद्दाख से 3000 किमी का सफर किया और फिर लेह में 700 किमी अलग से घूमे. लुब्रा वैली और पैंगोंग झील, भारत का आखिरी गांव खारदुंग, पाकिस्तान सीमा के पास तुर्तुक और भारतीय सेना को पास से देखने का सौभाग्य मिला. बॉर्डर पर भारतीय सेना से मिलकर बस्तर के राकेश जैन भावुक हो गए. हमारे जवान विषम परिस्थितियों के बावजूद देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात रहते हैं. उनसे मिलकर एक अलग ही अनुभव मिला जिसे बयां नहीं किया जा सकता.
अब है वापसी की तैयारी
बस्तर के राइडर राकेश जैन और भिलाई के राइडर सुनील शर्मा 9 राज्यों को पार कर वापस लौटेंगे. एक दिन में ये दोनों राइडर 800 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और 11 अगस्त तक ये दोनों राइडर नारायणपुर पहुंचेगें. राकेश बताते हैं कि जब लेह-लद्दाख पहुंच कर अबूझमाड़ का झंडा फहराया तो लोग पूछने लगे और कुछ लोगों ने तो अबूझमाड़ पीस मैराथन की बात कही. इस बात पर राकेश और सुनील शर्मा भौचक्के रह गए कि नारायणपुर अबूझमाड़ पीस मैराथन की लहर देश भर में है. निश्चित ही अबूझमाड़ मैराथन के चर्चे देश भर में है और इस मैराथन ने नारायणपुर जिले की पहचान पूरे देश में स्थापित की है.