कवर्धाः छत्तीसगढ़ में कवर्धा मामले पर सियासत तेज हो गई है. भाजपा का प्रतिनिधिमंडल कवर्धा के लिए रवाना हुआ है. भाजपा का कहना है कि कवर्धा जाकर वो पीड़ित परिवार से बातचीत करेंगे. भाजपा का आरोप है कि मामले को छोड़ मुख्यमंत्री बाहर धूम रहे हैं, गृहमंत्री मौनी बाबा हो गए हैं, इधर कवर्धा जल रहा है. हम विवाद के कारणों का पता लगाने जा रहे हैं, पुलिस का विशेष समाज को संरक्षण इस घटना का कारण दिख रहा है. वहीं बीजेपी ने शांति व्यवस्था बिगाड़ने के कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि वहां से लौटकर सभी तथ्यों का जवाब दिया जाएगा.


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राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है बीजेपी


विवाद को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए इस दौरे को अवसर की राजनीति करार दिया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजपी और विश्व हिन्दू परिषद की रैलियों के बाद कवर्धा में तनाव बढ़ा है. भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए समाजिक सद्भावना को बिगाड़ रही है. भाजपा के नेता शांति की अपील तक नहीं कर रहे हैं, उनका एकमात्र मकसद राजनीतिक रोटी सेंकना है.


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क्या है पूरा ममला


कवर्धा जिले में चौराहे पर झंडा लगाने के बाद दो गुटों में हुए विवाद पर अब सियासत तेज हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही है. पूरा विवाद रविवार को शहर के वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके से सामने आया था. यहां कुछ युवकों ने चौराहे पर अपना झंडा लगा दिया. इसी के चलते दो गुटों के लड़के लाठी-डंडों के साथ सड़क पर उतर आए और उन्होंने मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस के सामने ही एक युवक को भीड़ ने खूब पीटा, जिसके बाद करीब 8 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई थी.


कवर्धा हिंसा के मामले में अभी तक 59 की गिरफ्तारी हो चुकी है. साथ ही वीडियो फुटेज के आधार पर जांच कर रही पुलिस ने 70 लोगों की पहचान कर ली है. वीडियो के आधार पर ही पुलिस टीम घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने में लगी है.


कवर्धा में लगा धारा 144


रविवार को शहर के लोहारा नाका चौक पर कुछ युवकों द्वारा चौराहे पर अपना झंडा लगाने के बाद दो गुटों में विवाद हो गया. विवाद बढ़ता देख इसे संभालने और शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए कलेक्टर ने शहर में धारा 144 लागू कर दी. सोमवार को भी शहर में सभी शिक्षण संस्थानों को पूरी तरह बंद रखा गया था.


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