Raipur News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड में आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने याहया ढेबर, चिमन सिंह, आरसी त्रिवेदी, एएस गिल, वीके पांडे समेत 27 आरोपियों की अपील खारिज कर दी है. आपको बता दें कि रामावतार जग्गी हत्याकांड के दोषियों की अपील पर 29 फरवरी को सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर गुरुवार को आदेश जारी किया गया है.


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आरोपियों ने उम्रकैद की सजा के विरोध में लगाई थी याचिका
सभी आरोपियों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में उम्रकैद की सजा के विरोध में याचिका लगाई थी.बिलासपुर एचसी के चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों को सुनकर उम्रकैद की सजा का फैसला यथावत रखा. जी मीडिया संवाददाता राजेश निषाद ने मृतक के बेटे सतीश जग्गी से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसला का स्वागत करते हैं, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी अमित जोगी है. उन्हें जब तक सजा नहीं मिलेगी तब तक लड़ाई जारी रहेगी.


साधराम हत्याकांड भी चर्चा में
आपको बता दें कि साधराम हत्याकांड का मामला भी छत्तीसगढ़ में काफी चर्चित है. कवर्धा के लालपुर कला गांव में गौ सेवक साधराम की हत्या के मामले में अब एनआईए एक्शन मोड़ में आ गई है. बता दें कि साधराम यादव हत्याकांड की जांच अब एनआईए को सौंपी जाएगी.झीरम कांड के बाद छत्तीसगढ़ में यह दूसरा मामला होगा जिसकी जांच एनआईए करेगी.


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गला रेत कर हत्या की गई थी
बता दें कि 20 जनवरी की रात शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के लालपुर कला गांव स्थित नर्सरी के पास एक अधेड़ व्यक्ति का शव मिला था. मृतक की पहचान साधराम यादव के रूप में की गई थी. बताया जा रहा है कि मृतक साधराम यादव गौशाला में चरवाहा का काम करता था. पुलिस ने इस हत्याकांड को 24 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया था. पुलिस (Kabirdham Police) ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. जिनमें से एक नाबालिग है. 


आतंकवादी संगठनों से संबंध
इस मामले में आतंकी संगठन के कनेक्शन की बात भी सामने आई. SP अभिषेक पल्लव ने जानकारी देते हुए बताया था कि मुख्य आरोपी अयाज खान की जब जांच की गई तो उसके मोबाइल, लैपटॉप और से पता चला कि ये कश्मीर आता-जाता रहता था. संदिग्ध लोगों से इसकी मुलाकात होती थी. जो आतंकवादी गतिविधि से जुड़े थे. 


रिपोर्ट- राजेश निषाद