रजनी ठाकुर/रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) सरकार ने आज राजीव गांधी न्याय योजना(Rajeev Gandhi Nyay Yojana) के तहत प्रदेश के 26 लाख 21 हजार किसानों के खाते में आज 1745 करोड़ की राशि उनके खाते में ट्रांसफर की. राजीव गांधी न्याय योजना की यह दूसरी किस्त है. इससे पहले 21  मई 2022 को राजीव गांधी न्याय योजना की पहली किस्त के तहत 1745 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था. छत्तीसगढ़ सरकार अब तक राजीव गांधी न्याय योजना के तहत कुल 14 हजार 665 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को कर चुकी है. 


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राजीव गांधी न्याय योजना के तहत साल 2019 में छत्तीसगढ़ के 18.43 लाख किसानों को 4 किस्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 5627 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया. इसी तरह 2020 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी गई. किसानों को फसल लागत मूल्य कम करने,उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की यह राशि दी जा रही है. 


इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 5 करोड़ 24 लाख रूपए का भी भुगतान किया गया. इस राशि में से गोबर विक्रेताओं को 2.64 करोड़ रुपए तथा गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 2.60 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया.गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को योजना शुरू होने के बाद से अब तक 155.60 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है. गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को अब तक 154.02 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती योजना है, जिसके तहत गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है. 


राहुल गांधी ने की तारीफ
वहीं राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को दूसरी किस्त जारी होने पर राहुल गांधी ने भूपेश बघेल सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि बघेल सरकार ने वास्तव में समावेशी समाज के लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वास्तव में समावेशी समाज के लिए अपनी महत्वाकांक्षी दृष्टि को साकार करने की दिशा में अथक प्रयास करने के लिए सराहना करना चाहता हूं. राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, नरवा गढ़वा धुरवा बारी योजना जैसी योजनाएं सामाजिक न्याय और कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. छोटे किसान हों, दलित हों, आदिवासी हों, ओबीसी हों या महिलाएं, समाज के हर वर्ग को हमारे जन-समर्थक एजेंडे से फायदा हुआ है.