रायपुर: छत्तीसगढ़ के ज्यादातर इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है. हाल ये है कि भारी से अति भारी बारिश से दक्षिण बस्तर के सुकमा, बीजापुर जैसे जिलों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बावजूद इसके प्रदेश में ऐसे भी जिले हैं जहां जुलाई के तीसरा हफ्ता है फिर भी मानसून की बेरुखी बरकरार है. जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा में अब तक औसत बारिश भी नहीं हो पाई है. इस कारण यहां के लोगों और किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिचने लगी है.


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69 प्रतिशत कम बारिश हुई
जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा में हालात ये हैं कि यहां औसत बारिश भी नहीं हो पाई है. तीनों जिलों को मिलाकर देखा जाए तो अब तक कुल बारिश महज 31 फीसदी ही हुई है. यानी अभी तक 69 प्रतिशत कम बारिश. रायपुर मौसम केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे कम जशपुर में 69 प्रतिशत कम बारिश हुई है.


जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा सबसे कम बारिश वाले जिले
जशपुर में सामान्य तौर पर अबतक जशपुर में 537.7 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए थी, वहीं अबतक सिर्फ 167.9 मिलीमीटर बारिश हुई है. सरगुजा और बलरामपुर में भी कमोबेश यही हाल हैं. सरगुजा में जहां 66 फीसदी कम बारिश हुई है, वहीं बलरामपुर में 65 फिसदी कम बारिश हुई है. प्रदेश में कुछ अन्य जिलों में भी कम बारिश हुई है, लेकिन इन तीनों जिलों का नाम सबसे कम बारिश वाले जिलों में हैं.


यहां हुआ जरूरत से ज्यादा बारिश
हालांकि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की बात करें तो अबतक 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. इसकी वजह वो जिले हैं, जहां बारिश ज्यादा हुई है. इसमें सबसे ज्यादा 184 प्रतिशत ज्यादा बारिश बीजापुर में हुई है. बालोद में भी 66 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. इन जिलों में बारिश के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. पिछले कुछ दिनों से यहां जल भराव बाढ़ की समस्या आम हो गई है. लोगों के लिए राहत कैंप बनाए गए हैं.


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