दुर्गः छत्तीसगढ़ में दीपावली के दूसरे दिन सांटा प्रहार झेलने की परंपरा निभाई जाती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दुर्ग जिले के जंजगिरी गांव पहुंचकर सांटा प्रहार झेलने की परंपरा निभाई. पूजन के बाद सीएम भूपेश बघेल ने सांटा(हंटर) को करीब 6 बार अपने हाथ पर मरवाया. ताकि प्रदेश में खुशहाली बनी रही.  


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क्या है सांटा प्रहार की परंपरा 
छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में दीपावली के दूसरे दिन सांटा प्रहार की परंपरा  निभाई जाती है. जिसमें भगवान के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए लोग अपने हाथ पर सांटा मरवाते हैं. ताकि उनके गांव, क्षेत्र में खुशहाली बनी रही. सीएम बनने के बाद भूपेश बघेल भी यह परंपरा पिछले साल से निभा रहे हैं. 


आज सीएम भूपेश बघेल ने जंजगिरी पहुंचकर सांटा मरवाया. पिछली साल गांव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर ने उन्हें सांटा मारा था. लेकिन हाल ही में उनका निधन हो गया. जिसके बाद उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने सीएम को सांटा मारा. परंपरा निभाने के बाद सीएम बघेल ने कहा कि थोड़ा दर्द सहकर प्रदेश की खुशहाली के लिए चल रही यह परंपरा छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुकी है. सीएम ने कहा कि इस बात का दुख है कि इस बार भरोसा ठाकुर हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन खुशी इस बात है कि उनके बेटे बीरेंद्र और उनका परिवार और जजंगिरी के लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.


सीएम ने की गौरा-गौरी की पूजा 
मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौरा-गौरी की पूजा भी की. दीपावली के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ में गौरा-गौरी की पूजा करने का भी विशेष महत्व माना जाता है. दीपावली की रात गौरा-गौरी की स्थापना की जाती है और गोवर्धन पूजा के दिन उन्हें शाम के वक्त विदा कर नदीं में सिराया जाता है. सीएम ने जंजगिरी पहुंचकर दोनों परंपराओं को निभाया. 


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