भोपाल: शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में रोजगार बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है. राज्य में हर माह एक लाख लोगों को रोजगार देने की दिशा में प्रयास किए जाने लगे हैं. इसके अलावा अब एक जिला-एक उत्पाद की येाजना को भी रफ्तार देने पर जोर दिया जाएगा. इस संबंध में सीएम शिवराज ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और विशेषज्ञों से चर्चा की है. उन्होंने कहा है कि हर जिले में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में नियोजन तथा स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाएं. 


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कलेक्टर्स को दिए ये निर्देश
सरकार ने सरकारी और प्राइवेट सेक्टर को मिलाकर हर महीने एक लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा है. इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभागायुक्त, आई.जी, कलेक्टर्स, एवं पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा था कि हर जिले में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में नियोजन तथा स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार के अवसर खोजे जाएं.  प्रदेश में हर माह लगभग एक लाख रोजगार सृजित किए जाएं. प्रत्येक जिले में हर माह रोजगार मेले आयोजित कर रोजगार उपलब्ध कराया जाए. 



इस बात पर शिवराज ने जताई आपत्ति
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बैंकों द्वारा सिबिल स्कोर के आधार पर पीएम स्वनिधि योजना में ऋण वितरण रोके जाना घोर आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा,  'मैं इस पर बैंकों के प्रति अप्रसन्नता प्रकट करता हूं. इस संबंध में प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया जाएगा.'  उन्होंने कहा कि हर महीने प्रदेश की सभी 25,271 उचित मूल्य दुकानों पर अन्न उत्सव मनाया जाएगा. इनमें से हाट-बाजार की दुकानों पर अन्न उत्सव होगा. इस दिन सभी गरीबों को उचित मूल्य पर राशन का प्रदाय किया जाएगा. साथ ही दुकानों के स्टॉक का सत्यापन भी किया जाएगा. अन्न उत्सव में जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे.


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