कैप्टन कूल से लेकर कोहली तक हैं जिसके फैन , उसे बर्ड फ्लू से बचाने उठाए जा रहे खास कदम
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कैप्टन कूल से लेकर कोहली तक हैं जिसके फैन , उसे बर्ड फ्लू से बचाने उठाए जा रहे खास कदम

मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद कड़कनाथ मुर्गे पर खासा ध्यान रखा जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

सांकेतिक तस्वीर

सचिन जोशी/ झाबुआ: मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है. अब तक 7 से 8 जिलों में बर्ड फ्लू फैल चुका है. इससे पूरे प्रदेश में 400 कौवों की मौत हो गई है. हालांकि राहत की बात यह है कि वायरस अभी तक पोल्ट्री फॉर्म में नहीं पहुंचा है. प्रदेश में बढ़ रहे बर्ड फ्लू के खतरे के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी झाबुआ जिले के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉक्टर आईएस तोमर का कहना है कि जिला मुख्यालय पर स्थित हैचरी में मुर्गों को आइसोलेशन में रखा गया है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए देसी नुस्खों और विटामिन्स का इस्तेमाल किया जा किया जा रहा है. 

केंद्र सरकार ने जारी की एडवायजरी
बर्ड फ्लू फैलने की आशंका के चलते केंद्र सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. इसी के चलते जिला मुख्यालय पर कृषि विज्ञान केंद्र की हैचरी में मौजूद कड़कनाथ मुर्गों को विटामिन्स का डोज दिया जा रहा है. कड़कनाथ मुर्गों में बर्ड फ्लू फैलने से रोकने के लिये केंद्र की ओर से ऐहतियातन यह कदम उठाया जा रहा है. बाहरी लोगों के हैचरी के भीतर जाने पर भी रोक लगा दी गई. मुर्गों को बीमारियों से बचाने के लिये अपनाए जाने वाले देसी नुस्खों का भी सहारा लिया जा रहा है. 

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इन जिलों में मारे गए कौवे
बर्डफ्लू की दस्तक खरगोन, इंदौर, मंदसौर, आगर, खरगोन, उज्जैन, देवास, नीमच और सीहोर हो चुकी है. इन जिलों में कौवे मृत मिले हैं. लगातर हो रही कौओं की मौत पर पशुपालन विभान ने कहा है कि हम पूरी तरह से अलर्ट हैं, जहां भी पक्षी मृत मिल रहे हैं, हम सैंपल की जांच कर रहे हैं. पोल्ट्री फॉर्मों में भी जांच की जा रही है. 

अलर्ट पर है विभाग और सरकार
बर्डफ्लू को लेकर एमपी में सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. साथ ही कौवों की मौत पर पशुपालन विभाग भी अलर्ट पर है. 

क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है. बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन की तरह है, जो ना सिर्फ पक्षियों बल्कि दूसरे अन्य जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है. बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने पर इंसान और जानवर भी संक्रमित हो जाते हैं. ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है.

कड़कनाथ की खासियत
मुख्य तौर से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाने वाला कड़कनाथ मुर्गा वैसे तो अब पूरे देश में मिलता है. कड़कनाथ मुर्गी के अंडे में प्रोटीन ज्यादा होता है, कम कोलेस्ट्रॉल होने के चलते इसे दिल के मरीज भी खा सकते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए उपयोगी होता है. अन्य प्रजातियों के मुर्गा-मुर्गियों के मांस में फैट और वसा ज्यादा रहता है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गे में न तो फैट होता है और न वसा बल्कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन की अधिकता होती है. आयरन की अधिकता के कारण ही इस मुर्गे का रंग काला रहता है.  जो ठंड के सीजन में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.

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दूसरे मुर्गों से क्यों है बेहतर
कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गों से बेहतर होता है. इसमें विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है. यह दूसरे मुर्गों की तुलना में लाभकारी है. इसका खून, हड्डियां और सम्पूर्ण शरीर काला होता है. जो इसे दूसरे मुर्गों से अलग बनाता है.

कोहली से धोनी तक की पसंद है कड़कनाथ
कड़कनाथ मुर्गा सभी के बीच अपनी पहचान बनाता जा रहा है. कड़कनाथ के चिकन की तारीफ विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी भी कर चुके हैं. धोनी ने तो कड़कनाथ मुर्गें की फार्मिंग भी शुरू की है. इसके अलावा कई बालीवुड सेलिब्रिटी और अन्य खिलाड़ियों के बीच भी कड़कनाथ की डिमांड अच्छी खासी है.  

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