भोपाल: विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस को झटका देने वाली सुमित्रा देवी कासडेकर को लेकर पार्टी हैरान है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बिना किसी नाराजगी के सुमित्रा ने विधायकी से इस्तीफा क्यों दिया. दरअसल 6 दिन पहले यानी 11 जुलाई को मध्य प्रदेश कांग्रेस की आईटी सेल को मजबूत करने के लिए बुरहानपुर जिला मुख्यालय पर कांग्रेस का संवाद कार्यक्रम हुआ था. इसमें मध्य प्रदेश प्रशिक्षण प्रभारी मृणाल पंत शामिल हुए थे. इसी कार्यक्रम में सुमित्रा देवी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था.


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इतना ही नहीं उन्होंने इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा था, ''हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था, हमारी कश्ती वहां डूबी जहां पानी भी कम था.'' सुमित्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कहा था, ''आप चिंता न करें अगले तीन चार महीने में फिर से हमारी सरकार बनेगी. फिर कमलनाथ आएंगे और शिवराज जाएंगे.'' अब मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं को यही सवाल परेशान किए हुए है कि बीते 6 दिनों में ऐसा क्या हुआ जो सुमित्रा कासडेकर का पार्टी से मोह भंग हो गया?


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सुमित्रा जिस नेपानगर विधानसभा सीट से विधायक थीं उस पर पिछले 20 वर्षों से भाजपा का कब्जा था. 2018 के विधानसभा चुनाव में सुमित्रा ने भाजपा की मंजू दादू को 1264 मतों से हराकर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाली. वर्ष 1998 के बाद कांग्रेस की इस सीट पर पहली जीत थी. नेपानगर विधानसभा सीट बुरहानपुर जिले में आती है. आदिवासी बाहुल्य यह विधानसभा सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है.


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