मध्य प्रदेशः सत्ता में आते ही कांग्रेस ने लिया U-Turn, मंदसौर गोलीकांड को बताया जायज
कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि मंदसौर गोलीकांड पर निर्दोष किसानों पर फायरिंग के आदेश दिए थे.
भोपालः मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही घोटालों और घटनाओं पर शुरू हुई जांच-पड़ताल के बाद वर्तमान सरकार के सुर बदले हुए हैं. बता दें मंदसौर गोलीकांड मामले में गृह मंत्री बाला बच्चन ने प्रशासन को बेकसूर ठहराते हुए कहा कि 'मंदसौर में 6 जून 2017 को मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना अंतर्गत किसानों पर हुई गोलीबारी सुरक्षाकर्मियों द्वारा कानूनी प्रकिया के तहत आत्मरक्षा और सरकारू और निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए की गई थी.' ऐसे में प्रदेश गृहमंत्री बाला बच्चन के इस बयान के बाद पूरी कांग्रेस सरकार कठघरे में खड़ी हो गई है. क्योंकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि मंदसौर गोलीकांड पर निर्दोष किसानों पर फायरिंग के आदेश दिए थे.
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इस मामले में बीजेपी सरकार से जमकर तू-तू मैं-मैं हुई थी. वहीं सत्ता में आने के बाद अब कांग्रेस के सुर बदलने और यू टर्न लेने से कांग्रेस खुद ही सवालों के घेरे में आ गई है. कांग्रेस सरकार के सामने इस जवाब के बाद पशोपेश के हालात खड़े हो गए हैं, तो बचाव के तरीके अख्तियार किए जा रहे हैं. इस मामले में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा आगे आए हैं और जवाब दे रहे हैं कि भीड़ निर्दोष थी, अफसरों को फायरिंग की जरूरत नहीं थी. विधानसभा में दिया गया पुलिसिया बयान है बता दें कि पीसी शर्मा प्रदेश के विधि मंत्री भी हैं.
वहीं मंदसौर गोलीकांड पर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. भाजपा का कहना है कि मंदसौर में हिंसा भड़काने में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हाथ था. गृह मंत्री बाला बच्चन इस तरह के गोल-मोल जबाव देकर देश को गुमराह कर रहे हैं और आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगे हैं. मंदसौर गोलीकांड की बरसी पर हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंदसौर गोलीकांड को गलत ठहराते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि 'प्रदेश सरकार ने किसानों पर आक्रमण किया है, उन पर गोली चलाकर उन्हें मारा है.' बता दें मंदसौर गोलीकांड के साथ ही कांग्रेस ने सिंहस्थ घोटाले पर भी यू-टर्न ले लिया है.
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वहीं मंदसौर में हुए किसान आंदोलन पर विधानसभा मे गृह मंत्री के बयान के बाद किसान आंदोलन में मृत मंदसौर के बरखेड़ा पंथ के अभिषेक पाटीदार के परिजनों ने नाराजगी जताई है. अभिषेक के दादा भंवर लाल और भाई मधुसूदन का कहना है कि उन्हें कांग्रेस नेताओं से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी, चुनाव से पहले तक कांग्रेस नेता लगातार पीड़ित परिवारों के साथ खड़े रहने की बात करते थे और उन्हें न्याय दिलाने का वादा करते थे, लेकिन अब कुछ और ही सुनने और देखने को मिल रहा है.