`टिकाऊ-बिकाऊ में भी संघर्ष`, जोशी की नड्डा से मुलाकात पर कांग्रेस का तंज
मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. बीजेपी से असंतुष्ट चल रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है.
भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. बीजेपी से असंतुष्ट चल रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस नेता नरेद्र सलूजा ने कहा कि बीजेपी में बिकाऊ-टिकाऊ का संघर्ष जारी है. दीपक जोशी ने इसकी शुरुआत कर दी है.
नरेद्र सलूजा ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भी सीनियर नेताओं को दरकिनार किया गया. इससे नेताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है और यह दिल्ली तक पहुंच गई है. प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने दीपक जोशी को समझाया था, लेकिन वो नहीं माने और जेपी नड्डा के पास शिकायत लेकर दिल्ली पहुंच गए. इस लड़ाई के परिणाम बहुत जल्द सामने आने वाले हैं.
कांग्रेस के वार पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि यहां कोई भी किसी भी समय हमारे नेतृत्व से मिलकर अपनी बात कह सकता है. संवाद की प्रक्रिया बीजेपी में है. दीपक जोशी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की है यह कोई अचरज वाला मामला नहीं है. संवाद प्रक्रिया बीजेपी में होती है, यह नेतृत्व के प्रति आस्था का प्रकटीकरण है. कमलनाथ जी मुख्यमंत्री रहते हुए तो अपने विधायकों से मिलते थे तो चलो- चलो -चलो-चलो कहते थे.
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आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों के बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद से ही जोशी पार्टी नेतृत्व से लगातार नाराज चल रहे हैं. इन विधायकों में जोशी को हाटपीपल्या में हराने वाले मनोज चौधरी भी शामिल थे. 2018 के विधानसभा चुनावों में मनोज चौधरी ने जोशी को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इससे पहले 2013 में जोशी इसी सीट से विधायक चुने गए थे.
मनोज चौधरी के बीजेपी में आने के बाद से जोशी को हाटपीपल्या में अपने लिए संभावनाएं कम होती दिख रही हैं. वे कई बार खुलकर उपचुनावों में हाटपीपल्या से अपने लिए टिकट की मांग भी कर चुके हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
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