भोपालः वैक्सीन ट्रायल के वॉलंटियर दीपक मारवी की मौत को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस इस मुद्दे पर सीएम शिवराज के खिलाफ हमलावर हो गई है. इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने बात रखी है. विसरा जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे स्थिति साफ हो जाएगी. सीएम ने वैक्सीन के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाए जाने का भी आरोप लगाया. 


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सीएम बोले- एक दो दिन में दिख जाता गलत प्रभाव
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वैक्सीन का यदि कोई गलत प्रभाव होता तो एक या दो दिन में दिखाई दे जाता. सीएम ने अपील की कि वैक्सीन के मामले को गंभीरता से लें. ऐसी कोई धारणा ना बने, जिससे वैक्सीनेशन को लेकर गलत धारणा बने.


बता दें कि भोपाल के पीपुल्स अस्पताल में स्वदेशी कंपनी भारत बायोटैक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन का ट्रायल किया गया था. इसी ट्रायल के दौरान दीपक मारवी ने भी टीका लगवाया. हालांकि टीका लगवाने के 9 दिन बाद दीपक की मौत हो गई. दीपक मरावी को 12 दिसंबर को टीका लगा था और बीती 21 दिसंबर को दीपक की मौत हो गई. 


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वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का इस मुद्दे पर कहना है कि मैं भी एक डॉक्टर हूं. मुझे पता है. स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच की बात कही है.  


सरकार ने बनायी जांच टीम
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में दीपक मरावी की मौत पर सवाल उठने के बाद सरकार ने फार्मालॉजी विभाग के अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं. कमेटी ने पीपुल्स हॉस्पिटल को क्लीनचिट दे दी है. दीपक मरावी की मौत का मामला गर्माने के बाद दिन भर सरकार में रही गहमागहमी


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कंपनी ने कही ये बात
वालंटियर की मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच भारत बायोटेक ने सफाई दी है. कंपनी का कहना है कि ट्रायल के लिए नामांकन के दौरान वालंटियर सभी मानकों पर खरा उतरा था. साथ ही वैक्सीन ग्रहण करने के 7 दिनों बाद तक उसकी सेहत सही थी.


भारत बायोटेक के मुताबिक, एनरोलमेंट के समय वालंटियर ने फेज 3 ट्रायल के सभी मानकों को पूरा किया था. डोज दिए जाने के 7 दिन बाद तक साइट पर ही देखरेख में वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया था. कोई प्रतिकूल घटना न देखी गई और न ही रिपोर्ट हुई. भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से पुलिस के मुताबिक मौत का संभावित कारण कार्डियॉरेस्पिरेट्री फेलियर हो सकता है, जो कि हो सकता है जहर के चलते हुआ हो. पुलिस मामले की जांच कर रही है.


भारत बायोटेक ने कहा कि डोज दिए जाने के 9 दिन बाद वालंटियर की मौत हुई. परीक्षण केंद्र से मिल रही शुरुआती समीक्षा इस बात की ओर इशारा करती है कि मौत और वैक्सीन डोज का संबंध नहीं है. कंपनी यह नहीं बता सकती कि वालंटियर को वैक्सीन दी गई थी या प्लेसिबो. क्योंकि स्टडी का अभी खुलासा नहीं हुआ है.


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