इंदौर: भ्रष्टाचार रोकने के लिये मध्य प्रदेश में बनाये गये विशेष कानून के तहत मंगलवार को यहां अदालत ने आबकारी विभाग के आरक्षक और उसके परिवार की दो करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य वाली बेहिसाब मिल्कियत को जब्त करने का आदेश दिया. यह संपत्ति वर्ष 2015 में लोकायुक्त पुलिस के छापों से सामने आयी थी. विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने मामले में रामचंद्र जायसवाल (57) और उसके पारिवारिक सदस्यों की दो करोड़ 53 हजार 108 रुपये की चल-अचल संपत्ति को भ्रष्ट साधनों से अर्जित करार दिया और इसे राजसात करने का आदेश दिया. 


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विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अदालत ने "मध्य प्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011" के तहत यह फैसला सुनाया. अदालती आदेश के मुताबिक जायसवाल परिवार की जब्त संपत्ति में इंदौर में एक होटल में हिस्सेदारी, मकानों और भूखंडों के साथ सोने-चांदी के आभूषण एवं दो ट्रक शामिल हैं. इनमें से अधिकांश संपत्तियां जायसवाल की पत्नी, दो बेटियों और एक पुत्र के नाम से खरीदी गयी थीं.


लोकायुक्त पुलिस ने जायसवाल के ठिकानों पर 24 फरवरी 2015 को छापे मारे थे और उसके आय के वैध जरियों से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का खुलासा किया था. तब वह नजदीकी खरगोन जिले में आबकारी विभाग के आरक्षक के रूप में पदस्थ था.