Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से प्रॉपर्टी के लिए सौतेले भाई की हत्या का मामला सामने आया है. पुलिस ने डेढ़ साल पहले लापता हुए 16 साल के जयराज की मौत की पुष्टि करते हुए हत्या का खुलासा किया है. हैरान करने वाली बात यह पुलिस ने डीएनए (DNA) टेस्ट में पुलिस को मिले शव की पहचान नहीं हो सकी, लेकिन जब दूसरी बार थूम और पसीने से किए गए DNA टेस्ट में जयराज की पहचान हुई.


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इस मामले में पुलिस को लगभग एक साल 5 महीने लग गए. मामला जमीन विवाद से जुड़ा था. जमीन के लालच में आकर एक भाई ने अपने दूसरे सौतेले भाई को मौत के घाट उतार दिया. 29 मार्च 2023 को  जयराज पटेल लापता हुआ था. हत्या करने का खुलासा अब पुलिस ने कर दिया है.  दो बार डीएनए की जांच हुई. दूसरी डीएनए रिपोर्ट में थूक और पसीने से मिलान किया गया. तब जाकर हत्या के आरोपी का पता चला. बता दें सौतेले भाई के बेटे मानवेंद्र पटेल ने हत्या की थी. जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.


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पहला डीएनए फैल तो दूसरे में मिले सबूत 
जयराज के लापता होने के डेढ़ महीने बाद घर के पास बने खेत में शव बरामद किया गया. शव को पहचानने के लिए डीएनए की सहायता ली गई. पहले डीएनए की रिपोर्ट करवाने पर कुछ भी पता नहीं चला. इसलिए क्योंकि जयराज की मां यशोदा का डीएनए जयराज की हड्डियों से नहीं मिल रहा था. सबूत के लिए दूबारा डीएनए करवाया गया. सैंपल के तौर पर जयराज के आईकार्ड पर लगा पसीना और सीटी पर लगा थूक लिया गया. दूसरी रिपोर्ट में शव की हड्डियों से मैच हो गया. 


बाइक पर जाने के बाद वापस नहीं लौटा
पुलिस ने परिवार से पूछताछ की. इसमें उन्होंने पुलिस को बताया कि मृतक के पिता लक्ष्मण और आरोपी के पिता दशरथ दोनों सौतेले भाई हैं. आखिरी बार जयराज दशरथ के बेटे मानवेंद्र के साथ बाइक पर गया था. वापस आते समय मानवेंद्र अकेला ही आया था. इसके अलावा मानवेंद्र जब जयराज को ले जा रहा था. तो उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया था. इसी आधार पर पुलिस ने काफी समय तक मानवेंद्र से पूछताछ कर मामले की गहराई तक जाने की कोशिश की. लगातार पूछताछ के बाद उसने अपनी गलती कबूली और पुलिस को जयराज की हत्या करने का सारा सच बाताया. 


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जमीन के लालच में की हत्या 
जयराज के पिता के पास जमीन थी. मानवेंद्र और उसका परिवार लेना चाहता था. जयराज के होने से ये मुमकिन नहीं था. मानवेंद्र की जयराज के पिता का दमोह वाला मकान लेने की इच्छा थी. कई कोशिशों के बाद भी वह मकान उसके हाथ नहीं लग रहा था. इसलिए उसने मकान को पाने के चक्कर में जयराज की ही हत्या कर दी. रिपोर्ट के खुलासों को सबूत मानते हुए मानवेंद्र पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. अब मानवेंद्र को कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद उन्हें अब जेल भेज दिया गया है.


आईवीएफ से हुआ था जयराज का जन्म
पथरिया थाना प्रभारी सुधीर कुमार बेगी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि डीएनए की पहली रिपोर्ट फेल हो गई थी. दूसरी बार डीएनए की जांच करवाई गई. बताया जा रहा है कि मृतक जयराज का जन्म आईवीएफ तकनीक से हुआ था. इसके कारण उसका डीएनए अपनी मां से मैच नहीं हुआ. तीन महीने पहले डीएनए सैंपल में खून और हड्डी को लिया गया था. वे फेल हो गए थे. इसके बाद पसीने और थूक के सैंपल को आधार बनाकर भेजा गया. 


सबूत में कई चीजें मंगवाई 
पुलिस ने सबूत के लिए कई चीजें जयराज के परिवार वालों से मंगवाई थीं. उन्होंने सबूत खोजने के लिए उसके कपड़े और खेल खिलौनों के साथ जयराज की आई कार्ड, सीटी और टोपी मंगवाई. दूसरे सैंपल में पुलिस ने इन वस्तुओं को डीएनए के लिए भेजा था. इसके बाद डीएनए टेस्ट में आईकार्ड के पसीने और सीटी में लगे थूक को  इस्तेमाल किया गया. हड्डी के डीएनए से मिल रहा था. इसके बाद पूरे मामले का सच सामने आया.


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