ददन विश्वकर्मा/ग्वालियर: ग्वालियर क्षेत्र में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा है. यहां की डबरा से मंत्री इमरती देवी अपनी सीट नहीं बचा पाईं. उन्हें उनके ही समधी सुरेश राजे ने करीब 7663 वोटों के अंतर से शिकस्त दी है. खास बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री इमरती देवी ने कलेक्टर को अपने पक्ष में होने की बात कही थी. लेकिन शायद ही इसे ही लोकतंत्र कहते हैं कि इमरती देवी अपने ही गढ़ में अपना किला नहीं बचा पाईं. न सिंधिया काम आए न शिवराज.


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मंत्री इमरती देवी ने प्रचार के दौरान एक गांव में कहा था कि, 'कलेक्टर हमाए हैं, चुनाव हमई जीत हैं. इसलिए आप हमें ही वोट दें. मंत्री इमरती का देवी का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. उन्होंने शिवराज सरकार की सत्ता बचे रहने का दावा किया था, लेकिन शिवराज की सत्ता तो बची रही, लेकिन वह खुद अपनी सीट नहीं बचा पाईं. विधायक न बन पाने के चलते उन्हें मंत्री पद भी छोड़ना पड़ेगा.


मतगणना से ठीक पहले तक इमरती देवी 80 हजार से ज्यादा वोटों से जीत का दावा कर रही थीं. हालांकि परिणाम आने तक उन्हें सिर्फ 50 हजार से भी कम वोट मिले. कांग्रेस के सुरेश राजे ने उन्हें करारी शिकस्त दी है. 


मंत्री पद के बाद भी हारी चुनाव
सिंधिया समर्थक मंत्रियों में इमरती देवी की हार सबसे बड़ी मानी जा रही है. क्योंकि वह कांग्रेस में रहते हुए इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीतीं थीं. पिछली चुनाव में उनकी जीत का मार्जिन 50 हजार से भी ज्यादा था. लेकिन मंत्री पद होने के बावजूद वह चुनाव हार गई हैं. 


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डबरा में कांग्रेस की पकड़ रही मजबूत
2008 के परिसीमन में डबरा विधानसभा सीट सामान्य से आरक्षित हो गई थी. तभी से इस सीट पर कांग्रेस का राज बरकरार है. उपचुनाव में मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन कांग्रेस ने अपनी सीट बचा ली. इस सीट कांग्रेस लगातार चौथी बार चुनाव जीती है.


'आइटम' भी न आया काम
चुनावी रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इमरती देवी को आइटम कहा था. इस पर जमकर सियासी बवाल मचा था. इसके जवाब में इमरती देवी ने कमलनाथ को काला जादू करने वाला तक बता दिया था. सिंधिया क्या शिवराज ने भी मौन व्रत रखकर कमलनाथ के इस बयान को महिला अस्मिता से जोड़ दिया था. कमलनाथ से माफी मंगवाने को लेकर बीजेपी अड़ गई थी. यहां तक दिल्ली राहुल गांधी ने आयटम वाले बयान पर नाराजगी जताई थी और कमलनाथ से माफी मांगने की बात तक कह डाली थी. हालांकि कमलनाथ ने इसे राहुल गांधी की निजी राय बताई थी. 


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