`कांग्रेस सत्ता में लौटी तो कश्मीर में फिर से आर्टिकल 370 लागू करने पर होगा विचार`- दिग्विजय सिंह का ऑडियो हुआ लीक
दिग्विजय सिंह ने कहा कि `कश्मीरियत अपने आप में लोकतंत्र का आधार है क्योंकि एक मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था. दोनों मिलकर साथ काम करते थे.`
नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर क्लब हाउस चैट का एक ऑडियो खासा वायरल हो रहा है. दरअसल इस ऑडियो में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि 'अगर सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई तो कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू करने पर पुनर्विचार किया जाएगा.'
क्या बोले दिग्विजय सिंह
बता दें कि चैट के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया कि कोरोना महामारी के मुद्दे पर आलोचना झेल रही मोदी सरकार अगर आगामी चुनाव में सत्ता से बाहर होती है तो कश्मीर के मुद्दे पर आगे क्या हो सकता है?
इस सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह को कहते सुना जा सकता है कि "जब कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया तो वहां लोकतंत्र नहीं था. वहां इंसानियत भी नहीं थी, क्योंकि लोगों को जेल में डाला गया. कश्मीरियत अपने आप में लोकतंत्र का आधार है क्योंकि एक मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था. दोनों मिलकर साथ काम करते थे. यहां तक कि राज्य की सरकारी सेवाओं में कश्मीरी पंडितों को आरक्षण दिया गया था. इसलिए आर्टिकल 370 हटाने का फैसला और राज्य का दर्जा छीनना एक दुखी करने वाला फैसला है. कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर इस फैसले पर जरूर विचार करेगी."
सीएम शिवराज ने किया पलटवार
वहीं दिग्विजय सिंह की इस लीक ऑडियो पर हंगामा होना तय है. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तो इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि "कश्मीर भारत का मुकुटमणी है, अभिन्न अंग है. ये कांग्रेस ही थी, जिसने कश्मीर में धारा 370 लगाने का पाप किया. हमारे प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार ने धारा 370 हटा दी, अब देश में दो विधान, दो निशान नहीं हैं. लेकिन अब कांग्रेस फिर पाकिस्तान की भाषा बोल रही है. उसके नेता दिग्विजय सिंह कहते हैं कि धारा 370 हटाने पर पुनर्विचार किया जाएगा? क्या पुनर्विचार करेगी कांग्रेस? क्या धारा 370 थोपकर अलगाववाद को हवा देगी?"
सीएम शिवराज ने कहा कि "कांग्रेस का हाथ पाकिस्तान के साथ. यह कांग्रेस की पाकिस्तानी मानसिकता है. जो पाकिस्तान कहता है, कांग्रेस वही करती है". सीएम शिवराज ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी से जवाब मांगा है.
5 अगस्त 2019 को हुआ था ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को हटा दिया था. इसके साथ ही सरकार ने जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा लेते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया था. इस दौरान सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर तैयारी की गई और सरकार द्वारा किए गए इंतजामों का ही नतीजा था कि इतना बड़ा फैसला लागू हो पाया और कोई हिंसा भी नहीं हुई. वैश्विक स्तर पर भी भारत ने कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए दुनियाभर के देशों से समर्थन हासिल किया है. सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि लाख कोशिशों के बाद भी पाकिस्तान इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं कर पाया है.