नई दिल्लीः डीकेएस अस्पताल फर्जीवाड़े मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है. जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लागने से इंकार किया है. इधर, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में कोई आधार नहीं है और पुनीत गुप्ता जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिस पर कोर्ट ने पुनीत गुप्ता के वकील से 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है. 


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दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनीत गुप्ता की अग्रिम जमानत खारिज करने को लेकर याचिका लगाई है. इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पुनीत गुप्ता को अग्रिम जमानत दे दी थी.छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से राज्य पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में पुनीत गुप्ता की जमानत खारिज करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि इस मामले में आरोपी की हिरासत जरूरी है क्योंकि इसमें आगे जांच करनी है लिहाजा गुप्ता की अग्रिम याचिका खारिज की जाए. 


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आपको बता दें कि रायपुर में डीकेएस अस्पताल में 50 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का आरोप अस्पताल के पूर्व अधीक्षक ने डॉ. पुनीत गुप्ता पर है.वर्तमान अधीक्षक डॉ. केके सहारे ने मामले की विभागीय जांच कराने के बाद इस मामले में 15 मार्च को एक एफआईआर दर्ज कराई थी.इस मामले मेंपूछताछ के लिए पुलिस ने कई बार पुनीत गुप्ता को नोटिस जारी किया, लेकिन वे थाने में उपस्थित नहीं हुए थे. इस बीच बिलासपुर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए पुनीत गुप्ता को अग्रिम जमानत दे दी थी.



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हालांकि, बीते 6 मई को डॉ पुनीत रायपुर के गोलबाजार थाने पहुंचे थे, जहां उनके साथ उनके पिता डॉ जीबी गुप्ता और वकील भी मौजूद थे. इस दौरान पुलिस ने डॉ पुनीत से करीब 3 घंटे की लंबी पूछताछ की और करीब 52 सवाल पूछे. डॉ पुनीत से आजाद नगर सीएसपी नासिर सिद्दीकी पुनीत गुप्ता ने पूछताछ की. इस दौरान उन्होंने डॉ गुप्ता से फर्नीचर खरीदी से लेकर लोन, बैलेंसशीट जैसे कई मामलों में पूछताछ की.