रायपुर: कोरोना संक्रमण के हालातों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य राज्यों के सीएम की आज बैठक होने वाली है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सिलसिलेवार ट्वीट में इस महमारी से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के रुख पर सवाल खड़े किए हैं. डॉ. हर्षवर्धन ने छत्तीसगढ़ में कोरोना से बढ़ रही मौतों पर चिंता जताते और राज्य की टेस्टिंग व्यवस्था को लापरवाही भरा बताया है.


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छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 हफ्तों में कोरोना से मौतों की संख्या काफी अधिक रही है है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक भूपेश बघेल सरकार की जांच केवल रैपिड एंटीजन टेस्ट पर टिकी है, जो कि सही कदम नहीं है. आरटीपीसीआर टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी होगी. आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट का रेशियो 70:30 का होना चाहिए. साथ ही शुरुआत में कोरोना वैक्सीन की विश्वसनियता पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की ओर से व्यक्त किए गए संशय का भी डॉ. हर्षवर्धन ने जिक्र किया है.


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छत्तीसगढ़ पर ​वैक्सीनेशन में ढिलाई बरतने का आरोप
अपने दूसरे ट्वीट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुरुआती दौर में लंबे वक्त तक कोवैक्सिन का उपयोग नहीं करने पर छत्तीसगढ़ सरकार पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि राज्य सरकार अपने कार्यों से लोगों की जान संकट में डाल रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने DCGI द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिए जाने के बावजूद #Covaxin का उपयोग करने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार अपने कार्यों से लोगों की जान संकट में ही नहीं डाल रही बल्कि दुनिया में गलत संदेश भी दे रही है.


वहीं तीसरे ट्वीट में डॉ. हर्षवर्धन ने  प्रदेश सरकार को राजनीति के बजाय व्यवस्थाओं पर ध्यान देने की नसीहत देते हुए लिखा है, ''देश में बढ़ते कोरोना के मामले के बीच छत्तीसगढ़ के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उसका उद्देश्य  टीकाकरण पर गलत सूचना दे कर भय फैलाना है. बेहतर होगा कि राज्य सरकार राजनीति पर ध्यान देने की बजाय अपनी आधारभूत स्वास्थ्य संरचना पर ध्यान दे.'' आपको बता दें कि परसों शाम ही डॉ. हर्षवर्धन ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के साथ बैठक की थी.


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टीएस सिंह देव ने कोवैक्सीन पर खड़े किए थे सवाल
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कोवैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को डॉ. हर्षवर्धन को वैक्सीन की डोज नहीं भेजने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि कौवैक्सीन के फेज थ्री ट्रायल के रिजल्ट नहीं आए हैं इसलिए हम इस वैक्सीन को लगाकर अपने राज्य के लोगों की सेहत से खिलवाड़ नहीं कर सकते. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह है कि वह कौवैक्सीन की डोज न भेजें, वरना यूज नहीं होने पर वैक्सीन खराब हो जाएगी. जबकि DCGI ने कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज की अप्रूवल दे चुका था.


छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की स्थिति खतरनाक है
छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटे में कोरोना के 10,310 नए मरीज मिले हैं.वहीं 58 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. राज्य में कोरोना के एक्टिव मामले 58,883 पहुंच गए हैं. राजधानी रायपुर और दुर्ग सर्वाधिक संक्रमित जिले हैं. दोनों जगह टोटल लॉकडाउन है. हालात ये हैं कि श्मशान और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ रही है. दुर्ग के मुर्दाघर में लाशें रखने के लिए जगह कम पड़ गई है. छोटा राज्य और कम जनसंख्या होने के बावजूद भारत के कुल कोरोना केस में छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 6 प्रतिशत से ज्यादा है, मौतों में हिस्सेदारी 3 फीसदी से ज्यादा है.


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