नीमच: एक और जहां किसान नए कृषि कानून बिल को लेकर दिल्ली में किसान आंदोलन कर रहे हैं, तो वही दूसरी ओर मध्यप्रदेश के नीमच में किसान प्याज की मार झेल रहे है. मंडी में आने वाले किसानों को उनके प्याज का सही मूल्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है. किसानों को 5 रुपये प्रति किलो से लगाकर ज्यादा से ज्यादा 20 रुपये प्रति किलो तक ही उन्हें भाव मिल पा रहा है. लिहाजा किसान परेशान और निराश ही दिखाई दे रहे है. यह ही नीमच कृषि उपज मंडी में एक किसान का प्याज का ढेर महज एक रुपये प्रति किलो से बिका.


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गौरतलब है कि इस कड़ाके की ठंड में किसान दूरदराज से नीमच कृषि उपज मंडी में अपनी प्याज बेचने के लिए पहुंच रहे है. इस कड़ाके की ठंड में उन्हें नंबर लगाने के लिए 1 दिन पूर्व ही मंडी पहुंचना पड़ता है. किसान रात भी मंडी में गुजारते है, लेकिन उसके बाद भी किसानों को निराशा ही हाथ लग रहे है.  


सादी पर्ची थमा दी
जिस किसान का प्याज एक रुपये किलो बिका उसे नीलामी के दौरान मंडी की पर्ची तक नहीं दी गई बल्कि किसान को सादी पर्ची थमा दी गई. इससे जाहिर होता है कि किसानों के साथ किस तरह से छलावा और धोखा किया जा रहा है.


भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा
वही मंडी में आने वाले किसानों का कहना है कि खेत में एक बीघा के अंदर प्याज बोने पर 25 से 30 हजार रुपये तक का खर्चा आता है. उसके बाद जब उस प्याज को मंडी में बेचने के लिए लाते हैं तो उसका भाड़ा तक भी नहीं निकल पाता है. किसानों का यह भी कहना है देश में पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं कृषि कार्य में पेट्रोल डीजल का इस्तेमाल ट्रैक्टर में किया जाता है. किसान को हमेशा नुकसान ही होता है.


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ज्यादा पैदावर के वजह से स्थिति 
वही मंडी इंस्पेक्टर समीरदास का कहना हैं नासिक और गुजरात के साथ अन्य राज्यों में  प्याज का उत्पादन ज्यादा होने की वजह से प्याज के दाम कम हुए है. इस वजह से किसानों को औसत बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल से लगाकर ऊपर में दो हजार रुपये प्रति क्विंटल तक  के भाव मिल रहे है.


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