जब चलती थीं उंगलियां, रुक जाता था इंदौर, अब मुफलिसी के अंधेरे से होगा नया 'प्रभात'
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जब चलती थीं उंगलियां, रुक जाता था इंदौर, अब मुफलिसी के अंधेरे से होगा नया 'प्रभात'

जब मशहूर कलाकार प्रभात चटर्जी की इस हालात की जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह को लगी तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से सामाजिक न्याय विभाग से उनकी सहायता करने का आदेश जारी किया.

मशहूर फनकार प्रभात चटर्जी

इंदौर: मंगलवार की सुबह मशहूर फनकार प्रभात चटर्जी के लिए एक नई शुरुआत लेकर आयी. दरअसल इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को जब पता चला कि एक बुजुर्ग अकॉर्डियन प्लेयर दयनीय स्थिति में अपना जीवन यापन कर रहा है तो उन्होंने तुरंत सामाजिक न्याय विभाग को बुजुर्ग कलाकार की सहायता व उसकी देखरेख के लिए आदेश जारी किया. जिसके बाद सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी बुजुर्ग की सहायता करने पहुंचे.

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खाली बिल्डिंग में गुजारा कर रहे थे
बता दें कि 1975 के दशक के मशहूर अकॉर्डियन प्लेयर प्रभात चटर्जी वर्षों से माली हालत व शारीरिक कमजोरी के कारण काफी दयनीय स्थिति में दिन गुजार रहे हैं. वह इंदौर के बंगाली चौराहा स्थित खाली पड़ी बिल्डिंग में अकेले अपना जीवन यापन कर रहे थे. उनके आसपास रहने वाले रहवासियों द्वारा उन्हें भोजन सहित अन्य मदद की जा रही थी.

कलेक्टर ने की मदद
जब मशहूर कलाकार प्रभात चटर्जी की इस हालात की जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह को लगी तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से सामाजिक न्याय विभाग से उनकी सहायता करने का आदेश जारी किया. इसके बाद सामाजिक न्याय विभाग के कई अधिकारी उनके घर पर पहुंचे. अधिकारी उन्हें अपने साथ वृद्ध आश्रम ले गए, जहां पर डॉक्टरों द्वारा बुजुर्ग प्रभात चटर्जी की जांच की गई. उसके साथ ही उन्हें यह भी कहा गया कि वह अपनी इच्छा के अनुसार वृद्ध आश्रम सहित जहां वह रहना चाहेंगे उन्हें वहां पर रखा जाएगा.

आज भी याद है उनका आर्केस्ट्रा
मशहूर अकॉर्डियन प्लेयर प्रभात चटर्जी की शारीरिक कमजोरी और सुनने की शक्ति भले ही कमजोर हो गई हो, लेकिन आज भी उनके दिमाग में उनके द्वारा स्थापित किए गए आर्केस्ट्रा चटर्जी ग्रुप के बारे में पूरी जानकारी है. मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि 'कलाकार अपनी कला का गुलाम होता है और वह कभी अपने बारे में नहीं सोचता है. बड़े-बड़े लोग मेरे आर्केस्ट्रा में शिरकत करने आते थे'.

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सीएम के यहां पेश किया था पहला कार्यक्रम
प्रभात चटर्जी ने 1975 से अगले तीन दशकों तक इंदौर में अनगिनत प्रस्तुतियां दीं. इनके आर्केस्ट्रा में काम करने वाले कई कलाकार सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचे. जिस कलाकार ने कई कलाकारों को मौका दिया आज वह खुद मुफलिसी में जिंदगी गुजार रहा है. बता दें कि प्रभात चटर्जी के आर्केस्ट्रा ने 70 के दशक में मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह के पारिवारिक आयोजन में अपना पहला परफॉर्मेंस दिया था. इस परफॉर्मेंस के लिए उन्हें तब 500 रुपए मिले थे. 
 
इंदौर में सेलिब्रिटी दर्जा था हासिल
प्रभात चटर्जी और उनके ग्रुप की लोकप्रियता का आलम ये था कि उन्हें इंदौर में सेलिब्रिटी स्टेटस हासिल था. प्रभात चटर्जी के छोटे भाई संजय चटर्जी ने भजन सम्राट अनूप जलोटा के साथ लगभग 20 साल तक गिटार पर संगत की. साथ ही चटर्जी के ग्रुप में काम करने वाले कई अन्य कलाकार भी काफी प्रसिद्ध हुए.

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