भोपालः मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव के आश्वासन के बावजूद बुधवार से भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों का तीन दिवसीय आंदोलन शुरू होने जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन 29 से 31 मई और इसके बाद भारतीय किसान संघ एक से 5 जून तक हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान किसानों ने अपनी उपज को मंडियों तक पहुंचाने से साफ इनकार कर दिया है. ऐसे में इस आंदोलन के चलते दूध और सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होने के आसार हैं.


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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव के अनुसार, कांग्रेस सरकार प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने और उनके उत्थान की बात कह रही है, हम जानना चाहते हैं कि आखिर अभी तक सरकार ने कितने किसानों का कर्जा माफ किया है. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ करने, समर्थन मूल्य से कम पर उपज न खरीदने सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार से तीन दिवसीय आंदोलन शुरू किया जा रहा है.



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यादव ने बताया कि उनकी मंगलवार को कृषि मंत्री सचिन यादव से वार्ता हुई है, मंत्री ने आश्वासन दिया है, उनकी बात पर भरोसा भी है, मगर किसान कर्जमाफी मुख्यमंत्री के अधीन है, इसलिए अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मसले पर बात करें तो किसान अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं. यादव के अनुसार, "आंदोलन को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में संपर्क किया गया है. इस आंदोलन के चलते दूध और सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है."


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बता दें भारतीय किसान यूनियन और भारतीय किसान संघ दोनों दी संगठन किसान नेता शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) के नेतृत्व में हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान यह संगठन 29 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेगा और किसान कर्जमाफी सहित किसान की अन्य मांगों पर चर्चा करेगा. इस दौरान किसान सब्जी, फल और दूध की आपूर्ती पूरी तरह से बंद रखेगा.


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किसानों की मांगें
किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए.
मंडी में उपज को समर्थन मूल्य से नीचे खरीदने पर रोक लगाई जाए.
सरकार ने जो किसान कर्जमाफी की घोषणा की थी, वह स्पष्ट हो.
2 लाख कर्जमाफी में सभी किसानों को समानता से धन राशि दी जाए.
फसल बीमा योजना में सुधार सरकार सुधार करे.


(इनपुटः आईएएनएस से भी)