मध्य प्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत फर्जी ऋण प्रकरणों का खुलासा होने के बाद सरकार हरकत में आ गई है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत फर्जी ऋण प्रकरणों का खुलासा होने के बाद सरकार हरकत में आ गई है. शिकायतों की जांच के बाद पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. कटनी और सागर जिलों में सहकारी समिति के प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आधिकारिक तौर पर शुक्रवार रात जारी बयान में बताया गया है कि फर्जी ऋण प्रकरणों में दोषी पाए जाने वाले लोगों पर तत्परता से वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. कटनी जिले में जरवाही समिति के प्रबंधक लक्ष्मीकांत दुबे के खिलाफ माधव नगर थाने में सहकारी निरीक्षक गीतेश मेहरा द्वारा आईपीसी की धारा 420, 409, 201 तथा 120 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
कटनी जिले के ग्राम गैतरा निवासी किसान छोटे लाल ने जिलाधिकारी को शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया था. कृषक ने जानकारी दी थी कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में ग्राम पंचायत में चस्पा की गई हरी सूची में चार लाख 39 हजार 222 रुपये 54 पैसे का कर्ज आवेदक के ऋण खाते में दिखाया गया है. आवेदक समस्त ऋण 31 मार्च, 2018 के पूर्व चुकता कर चुका है. किसान के आवेदन पर जिलाधिकारी द्वारा जांच कराएं जाने पर ऋण मामला फर्जी पाया गया.
इसी तरह सागर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की गौरझामर शाखा से संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी में फर्जी ऋण प्रकरण पाए जाने पर समिति प्रबंधक, शाखा प्रबंधक तथा समिति अध्यक्ष को दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्घ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई गई है.
(इनपुट-आईएएनएस)