Madhya Pradesh News: कोलार गोल्ड फील्ड यानी KGF के बारे में तो आपने सुना होगा. बेंगलुरु के पास स्थित वो जगह जहां कभी भारत की सबसे बड़ी सोने की खदान हुआ करती थी. KGF के ऊपर फिल्म भी बन चुकी है. मध्यप्रदेश में ऊर्जा धानी के नाम से जाने जाना बाला सिंगरौली जिला में भी सोने की बड़ी खादान पाई गाई है. चितरंगी तहसील के दो राजस्व गांव के बीच में स्थित वन विभाग के पहाड़ में सोना पाया गया. इसके लिए विभाग की ओर से 149 हेक्टेयर की जमीन आरक्षित कर दी गई. 


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आस पास बसे गांव के लोगों को सिर्फ इस बात की भनक है कि यहां सोना पाया गया है. अब तक उन्होंने देखा नहीं है. हालांकि ग्रामीण अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि उनके इस इलाके में सोना मिला है. खनिज विभाग के अधिकारियों की मानें तो कुंदन गोल्ड माइंस को खदान सौंपी गाई है, जो जमीन के अंदर सोने की तलाश की जाएगी.


सिंगरौली से 50 किमी दूर
सिंगरौली जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित चितरंगी तहसील के सिल्फोरी और सिधार गांव के पास स्थित गुड़हर पहाड़ में सोना पाया गया है. जिस पहाड़ में सोना पाया गया है. वह अगल-बगल से दो राजस्व गांव से जुड़ा हुआ है. ग्रामीण बताते हैं कि यह पहाड़ गांव से सैकड़ों फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हालांकि, इस पहाड़ में ऊपर से देखने में सफेद पत्थर दिखाई देते है. इसकी खुदाई करने पर नीचे मिट्टी भी निकलती है. 


पहाड़ में मिला सोना
ग्रामीणों ने यह तो सुना है कि इस पहाड़ में सोना मिला है लेकिन अब तक ग्रामीण जन सोना नहीं देख सके है. हालांकि उनके गांव के पहाड़ में सोना पाया जा रहा है जहां सोने की खदान लगाई जाएगी, जिसको सुनकर गांव वाले भी यह आस लगाए है कि उन्हें भी इससे कुछ न कुछ फायदा होगा. साथ ही उनका दावा है कि उनके गांव का भी अब विकास होगा. 


 149 हेक्टेयर भूमि आरक्षित
खनिज अधिकारी ऐके राय ने बतया है कि चितरंगी तहसील के शिल्फोरा और सिधार गांव के पास स्थित गुड़हर पहाड़ के 149 हेक्टेयर भूमि में कुंदन गोल्ड माइंस को खदान आवंटित हुई है. अभी पुन निरीक्षण करने का काम किया जायेगा. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि कितना गोल्ड का डिपॉजिट इस पूरे संपूर्ण एरिया में प्राप्त होता है.