ग्वालियर: शिक्षक दिवस के मौके पर चयनित शिक्षक संघ के नेतृत्व में फूलबाग चौराहे पर अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति-पत्र देने की मांग की. शिक्षकों ने कहा कि 2018 में प्रदेशभर में लगभग 30,000 शिक्षकों का चयन हुआ था, उनमें से आधे से ज्यादा लोगों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें नियुक्तियां नहीं मिली है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उपचुनाव से पहले उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए तो वे इसका बहिष्कार करेंगे. वहीं भोपाल में भी चयनित शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.


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शिक्षको ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रदेश में चाहे बीजेपी की सरकार रही हो या कांग्रेस की, किसी ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया है. अभी भी बीजेपी सरकार कोरोना का बहाना बना रही है. जबकि 1 दिन में मात्र 15 शिक्षकों का वेरिफिकेशन किया जाना है. वहीं इसके उलट बीजेपी बड़ी-बड़ी रैलियां कर रही है. 


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करेंगे उपचुनाव का बहिष्कार
चयनित शिक्षकों का कहना है कि हाल ही में वे भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिले थे,उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहेंगे तो उन्हें नियुक्तियां मिल जाएंगी. अगर हमें उपचुनाव के पहले नियुक्तियां नहीं मिली तो मजबूरन चुनाव का बहिष्कार करना पड़ेगा. वह ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं. 


शिक्षक दूध के जले हैं, छाछ भी फूंक कर पी रहे हैं- बीजेपी
फूलबाग मैदान पर प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षक संघ के लोगों ने मांगें माने जाने के लिए प्रदर्शन किया तो दोनों राजनीतिक दलों ने भी इसे मुद्दा बना लिया. बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने 2018 में भर्तियां निकाली थीं, लेकिन जब तक इन का सिलेक्शन हो पाता उस समय चुनाव आ गए थे, 15 महीने में कमलनाथ सरकार ने वादाखिलाफी के अलावा कुछ नहीं किया. यही कारण है कि चयनित शिक्षक और अतिथि शिक्षक दूध के जले हुए हैं और वह छाछ को भी फूंक-फूंक कर पी रहे हैं. लेकिन वह धैर्य रखें यह संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार है. जैसे ही करोना कॉल खत्म होगा उन लोगों की मांगें मान ली जाएंगी.


अपनी गलतियों का ठीकरा कमलनाथ सरकार पर फोड़ रही है बीजेपी-कांग्रेस
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा की बीजेपी हमेशा युवाओं को छलने का काम करती आई है. 2018 में चुनाव के पहले भर्तियां निकालकर युवाओं के वोट लेने का काम किया, अब जब एक बार फिर उनकी सरकार है तो कोरोना का बहाना लेकर उन्हें नियमित नहीं कर रही है. जबकि कोरोना काल में पार्टी बड़ी-बड़ी रैलियां कर रही है और अपनी गलतियों का ठीकरा कमलनाथ सरकार पर फोड़ रही है.


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