(महेंद्र कुमार मिश्रा)/नई दिल्लीः मुंगेली जिले में पानी की समस्या कम होने का नाम नही ले रही है. नगरीय इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पानी एक गम्भीर समस्या बन गई है. लोगों को पीने के पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन सिर्फ कागजों में ही पानी की समस्या का निराकरण कर अपनी पीठ थपथपा रहा है. इसकी बानगी मुंगेली जिले में देखने को मिलती है. ताजा मामला मुंगेली जिले के पदमपुर ग्राम पंचायत का है, जहां पदमपुर के आश्रित ग्राम ठाकुर देवा गांव के लोग पीने के पानी के भटक रहे हैं. इस गांव में 3 हैंड पम्प हैं और तीनों ही खराब स्थिति में है. किसी से भी पानी नहीं निकल रहा है. ऐसे में इस गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.


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गांव में एक तालाब था वी भी अब पूरी तरह सुख गया है. ग्रामीणों की मानें तो उनके साथ साथ उनके पालतू जानवर भी पानी के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पीने के पानी के लिए जिनके घर निजी बोर है, उनके घर पानी मांगने जाना पड़ता है. गांव में हैंड पम्प होने के बाद भी दूसरों का मुंह ताकना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का हैंडपम्प मार्च महीने से बिगड़ा हुआ है और वो लोग इसकी शिकायत गांव के सरपंच को कितनी बार कर चुके हैं, लेकिन गांव का सरपंच इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है.



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गांव वालों ने ये भी बताया की जिला पंचायत सदस्य भी उन्हीं के गांव का ही है. उनको भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. चुनाव में कई जनप्रतिनिधि आए उन्हें भी बताया गया, लेकिन उससे भी कुछ नही हुआ. ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव में पानी की बिल्कुल कमी नही है. यहां का जल स्तर बहुत अच्छा है. बस हैंडपम्प बिगड़ा हुआ है. 


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PHE विभाग के अधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी का जल स्तर नीचे जाने से ऐसी समस्या आ जाती है और हैंडपम्प की मरम्मत की लगातार कराई जा रही है. जहां पानी की कमी है वहां सतत निगरानी रखी जा रही है. विभाग ये तो कहता है की जल स्तर नीचे जाने से पानी की समस्या आ रही है और खोदाई कर पाइप डाला जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है.