नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के धार जिला अस्पताल में आरक्षकों के चयन के मामले में एक बहुत ही गंभीर मामला सामने आया है. यह मामला जिला अस्पताल का है, जहां नवआरक्षकों की भर्ती के लिए आए अभ्यार्थियों मेडिकल टेस्ट के लिए पहुंचे थे. इस दौरान धार के जिला अस्पताल के अधिकारी और पुलिस विभाग के कर्मचारी भी मौजूद थे. इस परीक्षण के दौरान सभी अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जातियों को उल्लेखित कर दिया गया. इस मामले के सामने आते ही हर कोई हैरान है कि मेडिकल परीक्षण के दौरान ऐसा करने की क्या जरूरत आन पड़ी.


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महिला आरक्षकों के मेडिकल टेस्ट के दौरान हुई थी गलती
दरअसल, धार जिले में पिछले दिनों कॉन्सेटबल के पद के लिए भर्ती के लिए आए अभ्यार्थियों की पहचान के लिए जिला अस्पताल ने अभ्यार्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिख दिया और जैसे ही ये खबर फैली प्राशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है. अधिकारी अब इस मामले की जांच और दोषियों पर कार्यवाई करने की बात कह रहे हैं. दरअसल, अस्पताल प्रबंधन ने ऐसा, कुछ समय पहले महिला आरक्षक की ऊंचाई नापने में हुई गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए किया है. आरक्षित वर्ग की ऊंचाई नापने में कोई गड़बड़ न हो इसलिए अलग-अलग वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जाती उल्लेखित कर दी गई.


अभ्यार्थियों की पहचान के लिए लिख दी जाति
बता दें कि सामान्य और दूसरे पिछड़ा वर्ग के लिए 168 सेमी और एससी-एसटी के लिए 165 सेमी की ऊंचाई निर्धारित की गई है. ऐसे में भीड़ के चलते ऊंचाई मापने में कोई गलती न हो इसलिए मेडिकल टेस्ट करने वाली टीम ने अभ्यार्थियों के सीने पर जाती सूचक निशान बना दिया. इस निशान को बनाने का कारण ये भी था कि सभी अभ्यार्थियों कि उनकी जाति के आधार पर उनकी पहचान हो सके और इसी के आधार पर उनका मेडिकल टेस्ट किया जा सके.


जल्द की जाएगी कार्यवाई
मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और वहीं जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी मामले में दोषी लोगों पर कार्यवाई करने की बात कही है. स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि मामले में जो भी लोग दोषी हैं उन पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी.