इस शहर में बढ़ रहे हैं एनीमिया के मरीज, खानपान में बदलाव कर ऐसे दूर करें खून की कमी
ग्वालियर में करीब 50% बच्चे और 53 फीसदी महिलाएं रक्त की कमी से जूझ रहे हैं. कमोवेश यही स्थिति पुरुषों के मामले में भी है. लगभग 45 फीसदी पुरुषों में रक्त की कमी पाई गई है.
कर्ण मिश्रा/ग्वालियर: खून को इंसान के शरीर का प्राण जल भी कहा जाता है, लेकिन शरीर में खून नहीं बचेगा तो शरीर कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाएगा. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में कुछ ऐसे ही हालात बन रहे हैं जहां शहर और गांव की बात की जाए तो आधी आबादी रक्त की कमी से जूझ रही है. ये हाल तब है जब सरकार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के स्वास्थ्य सुधार के लिए कई पोषण योजनाएं चला रही है. इन सबके बाद भी जिले का हर दूसरा व्यक्ति खून की कमी का शिकार है. इनमें सबसे ज्यादा बच्चे और गर्भवती महिलाएं प्रभावित है.
हाल ही में आए आंकड़ों ने स्वास्थ्य महकमा और महिला बाल विकास विभाग के होश उड़ा दिए हैं. आंकड़ों में जिले की आधी आबादी में रक्त की कमी है. अगर हम बात करें जिले के बच्चों कि तो करीब 50% बच्चे और 53 फीसदी महिलाएं रक्त की कमी से जूझ रहे हैं. कमोवेश यही स्थिति पुरुषों के मामले में भी है. लगभग 45 फीसदी पुरुषों में रक्त की कमी पाई गई है. एनीमिया की भयानक स्थिति देखकर आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी अब एनीमिया के रोगी जिले में लगातार बढ़ रहे हैं.
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क्यों होता है एनीमिया
हालांकि महिलाओं में यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब वे गर्भवती होती हैं. महिला बाल विकास के अफसर बताते हैं कि वर्तमान का खानपान महिलाओं, बच्चों और पुरुषों में रक्त की कमी को बढ़ा रहा है. गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जरा भी लापरवाह हो तो इसके परिणाम भयंकर हो सकते हैं. आम तौर पर खून की कमी को एनीमिया के रूप में देखा जाता है. आयरन की कमी होना भी इसका एक प्रमुख कारण है. छोटे बच्चों, महिला खिलाड़ियों, सर्जरी या एक्सीडेंट के मरीजों में एनीमिया का खतरा अधिक होता है. वहीं महिलाओं में माहवारी के दौरान होने वाले रक्तस्त्राव एवं गर्भावस्था के कारण यह समस्या हो सकती है.
एनीमिया से बचने के उपाय
एनीमिया की समस्या से बचने के लिए, रेड मीट, सी-फूड और अंडा फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आप शाकाहारी हैं, तो सोयाबीन, मटर, सूखे मेवे और एप्रिकॉट आपके लिए बेहतर विकल्प है. ताजी हरी सब्जियों के साथ मक्का और अलग-अलग तरह की दालों को अपने भोजन में शामिल करें. इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी, जो एनीमिया का प्रमुख कारण है. नाश्ते और खाने में फलों को शामिल करें. इनमें मौजूद विटामिन- सी, शरीर में आयरन को सोखने में एवं उसकी क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है. चाय या कॉफी को ज्यादा न पिएं, इससे शरीर को आयरन को सोखने में कठिनाई होती है. बगैर डॉक्टर की सलाह के, आयरन की गोलियों का सेवन बिल्कुल न करें. खून की जांच और डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इनका सेवन करें, क्योंकि शरीर में आयरन की अधिकता आपके लिए मुसीबत बन सकता है.