नगर निगम अधिकारी से मारपीट मामले में आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने जेल भेजा
जर्जर मकान ढहाने गई इंदौर नगर निगम की टीम के साथ बुधवार को विवाद के दौरान शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के आरोपी स्थानीय भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका कोर्ट ने रद्द कर जेल भेज दिया.
इंदौर: जर्जर मकान ढहाने गई इंदौर नगर निगम की टीम के साथ बुधवार को विवाद के दौरान शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के आरोपी स्थानीय भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका कोर्ट ने रद्द कर जेल भेज दिया. आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ थाना एमजी रोड में धारा 353 , 294 , 506, 147, 148 में केस दर्ज किया गया.
आकाश ने नगर निगम अधिकारी से मारपीट की थी. सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो वायरल हो गया. इसी बीच, भाजपा विधायक ने दावा किया कि उन्हें याद नहीं है कि अत्यधिक गुस्से की हालत में उन्होंने क्या किया. इसके साथ ही, कहा कि "आवेदन, निवेदन और फिर दनादन, यह हमारा लाइन ऑफ एक्शन है."
आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने. गिरफ्तारी से पहले, नगर निगम के एक अधिकारी को बैट से पीटे जाने की घटना के बारे में पूछे जाने पर भाजपा विधायक ने संवाददाताओं से कहा, "मैं बहुत गुस्से में था. मुझे याद नहीं कि मैंने क्या क्या किया?" उन्होंने आरोप लगाया कि गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक मकान को बेवजह जर्जर बताकर खाली कराने गये नगर निगम के अधिकारियों ने इस घर में रहने वाली महिलाओं से बदसलूकी की. उन्होंने कहा, "नगर निगम के पुरुष कर्मचारी महिलाओं की टांगें खींचकर उन्हें घर से बाहर निकाल रहे थे. वहां कोई महिला कर्मी भी नहीं थी."
विजयवर्गीय ने कहा, "यह दृश्य हमसे देखा नहीं गया. वहां मौजूद कुछ लोगों का आक्रोश नगर निगम अधिकारियों पर फूटा और जनता ने उन्हें खदेड़ दिया." उन्होंने कहा, ‘‘यह तो बस शुरुआत है. हम (नगर निगम कर्मचारियों के) भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी को खत्म करेंगे. आवेदन, निवेदन और फिर दनादन, यह है हमारा लाइन ऑफ एक्शन."
भाजपा विधायक ने सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं और नगर निगम के अधिकारियों के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर के पक्के मकानों को बेवजह जर्जर बताकर खाली कराने का "कारोबार" चलाया जा रहा है. इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा, "पुलिस ने विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की शिनाख्त की जा रही है."
नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस (46) ने एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे, तो भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहा. बायस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि भाजपा विधायक ने नगर निगम के दल से कहा कि वह जर्जर मकान को ढहाने की कार्रवाई नहीं होने देंगे और अगर यह दल 10 मिनट के भीतर मौके से रवाना नहीं हुआ, तो इसे मार-पीटकर भगा दिया जायेगा.
निगम अधिकारी ने कहा कि इस धमकी को अनसुना कर जब दल जर्जर मकान ढहाने की तैयारी कर रहा था, तभी भाजपा विधायक क्रिकेट का बैट लेकर आये और उसे बैट से पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान भाजपा विधायक के करीब 100 समर्थक उनके साथ थे. शिकायत में आरोप लगाया है कि भाजपा विधायक के समर्थकों ने भी इस अधिकारी और नगर निगम के अन्य कर्मचारियों से मारपीट और गाली-गलौज की. इसके साथ ही, नगर निगम की अर्थ मूविंग मशीनों और जीपों में तोड़फोड़ की.
(इनपुट भाषा से भी)