इंदौर: देश में कोरोना के मरीजों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए डॉ. शत्रुघन पंजवानी ने अपनी जान गंवा दी. रूपराम नगर निवासी डॉ. शत्रुघन पंजवानी के तीन बेटे हैं और तीनों इन दिनों विदेश में हैं. लॉकडाउन के कारण वे अपने देश लौटकर अपने पिता के अंतिम दर्शन कर मुखाग्नि नहीं दे सकते थे. इसीलिए उन्होंने वीडियो कॉल कर पिता के अंतिम दर्शन किए.


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बता दें कि देश में ये कोरोना से किसी डॉक्टर की मौत का पहला मामला है. डॉ. शत्रुघन पंजवानी कोरोना के लक्षण होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. जिसके बाद चार दिन तक उनका इलाज सीएचएल अस्पताल में इलाज चला और 8 अप्रैल को उनमें कोरोना की पुष्टि हो गई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें सीम्स अस्पताल भेजा गया. जहां उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया और गुरुवार 9 अप्रैल की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया.


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मुक्तिधाम पर डॉक्टरों की टीम ने डॉ. शत्रुघन पंजवानी का अंतिम संस्कार किया. शत्रुघन पंजवानी की गिनती अच्छे डॉक्टरों में होती थी. उनकी मौत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दुःख जताया साथ ही उनकी तारीफ करते हुए लिखा- ''दूसरों के अमूल्य जीवन की रक्षा और #COVID19 के विरुद्ध युद्ध लड़ते हुए बलिदान हो जाने वाले डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी जी की आत्मा की शांति के लिए हम सब प्रदेशवासी ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करते हैं. आप जैसे महामानव को कभी भुलाया न जा सकेगा. विनम्र श्रद्धांजलि!''



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