MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट इंदौर के लिए चुनाव ने उस वक्त दिलचस्प मोड़ ले लिया, जब कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस लेकर मैदान छोड़ दिया. अब यहां भाजपा के शंकर लालवानी का मुकाबले में कांग्रेस ने 'NOTA' का हाथ पकड़ लिया है. कांग्रेस लोगों से नोटा पर वोट देने की अपील कर रही है. 


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इंदौर लोकसभा सीट पर 1989 के बाद से भाजपा का कब्जा है. 1989 के बाद से 2014 तक भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन कुल 8 लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं. 2019 में ज्यादा उम्र के चलते भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद 2019 में शंकर लालवानी सांसद बने. अब एक फिर से शंकर लालवानी भाजपा की ओर से चुनावी मैदान में हैं. 


कांग्रेस के प्रत्याशी ने छोड़ा मैदान
कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उन्होंने नाम वापसी के दिन  29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया.  इसके बाद वे BJP में शामिल हो गए. अब कांग्रेस की पास इंदौर लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी के सामने कोई कैंडिडेट नहीं है.


क्या होगा अगर नोटा को ज्यादा मिले तो?
कांग्रेस नोटा के लिए वोट मांग रही है. अगर नोटा की किसी प्रत्याशी से ज्यादा वोट मिल भी जाते हैं तो उससे चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि चुनाव आयोग का साफ कहना है कि नोटा कोई प्रत्याशी नहीं हो सकता है. यह सिर्फ एक विकल्प है. भारत में नोटा को राइट टू रिजेक्ट का अधिकार प्राप्त नहीं हैं. देश में NOTA के लागू होते ही इस बात को चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया था. चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया था कि नोटा में पड़ने वाले वोटों को गिना तो जाएगा, लेकिन ये वोट रद्द वोट की श्रेणी में रहेंगे.