स्वच्छता में चौका लगाने के बाद इंदौर ने बनाया एक और नया रिकॉर्ड, वसूले 39 करोड़ रुपए
स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार चार बार नंबर वन आने के बाद इंदौर ने अब कचरा संग्रहण शुल्क वसूली में भी एक रिकॉर्ड बनाया है. पढ़िए पूरी खबर...
इंदौर: साफ-सफाई के साथ-साथ अब इंदौर नगर निगम कचरा संग्रहण शुल्क वसूलने में भी अव्वल स्थान पर आया है. इंदौर नगर निगम ने रिकॉर्ड 39 करोड़ रुपए कचरा संग्रहण शुल्क के रूप में वसूले हैं. इस वसूली के बाद अब इंदौर नगर निगम सेवन स्टार रेटिंग के लिए पात्रता रखने वाला देश का पहला नगर निगम बन गया है.
इंदौर नगर निगम ने कमर्शियल इलाकों से 90% जबकि डोमेस्टिक इलाकों से 75% कचरा संग्रहण शुल्क वसूला है. सेवन स्टार रेटिंग के लिए यह मापदंड पूरा करना अनिवार्य होता है. कचरा संग्रहण शुल्क की बंपर वसूली पर नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल का कहना है कि इसमें नगर निगम के राजस्व विभाग की टीम ने बेहतर काम किया है. इसके साथ साथ ही इंदौर के स्थानीय निवासियों का भरपूर सहयोग मिला है.
लोगों ने भी दिया सहयोग
इंदौर नगर निगम के कचरा वसूली अभियान में लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यही वजह है कि साल 2020 के अंत तक इंदौर ने रिकॉर्ड 39 करोड़ रुपए कचरा संग्रहण शुल्क वसूला.
कैसे होता है कचरा कलेक्शन
इंदौर में कचरा गाड़ी से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया जाता है. इन गाड़ियों में छह प्रकार के कंपार्टमेंट बना दिए गए हैं. इसमें गीले और सूखे कचरे के अलावा घरेलू जैव अवशिष्ट जैसे सैनिटरी नैपकिन, डायपर, मास्क के लिए पीला डिब्बा, घरेलू हानिकारक कचरे में ट्यूबलाइट, बल्ब, पेस्टीसाइड के लिए काला डिब्बा, इलेक्ट्रॉनिक कचरे के लिए अलग डिब्बा लगाया गया है. प्लास्टिक के कचरे के लिए प्रीमियर लीग के जरिए गाड़ियां चलाईं गईं.
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